December 24, 2024

बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का बयान-बैक डोर से सरकार वसूलने में लगी है, मंत्री चौबे का पलटवार-महंगाई के खिलाफ तो हमारे राहुल गांधी जी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा कर रहे

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छत्तीसगढ़ वासियों को फिर एक बार बड़ा झटका लगा है।

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रायपुर. छत्तीसगढ़ वासियों को फिर एक बार बड़ा झटका लगा है। बिजली की दरों में फिर एक बार 30 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है । बढ़ोतरी की वजह वेरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट हैं। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भूपेश सरकार पर बिजली के दरों में हुए बढ़ोतरी को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा लगता है भूपेश सरकार कोयले का बहाना बना रही है। इसलिए पिछले बार भी हमने देखा है। बिजली के दर में बढ़ोतरी हुई है और इस बार भी हुई है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले बिजली हाफ योजना का बड़े-बड़े दावे किए गए। बड़े-बड़े पोस्टर लगाए और विज्ञापन जारी किए गए। वही बैक डोर से भूपेश सरकार जनता से वसूलने का काम कर रही है सरकार को बढ़े हुए बिजली के दरों को वापस लेना चाहिए ।

वही कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा हम कोई बहाना नहीं बना रहे हैं. पूरा हिंदुस्तान में कोयले की संकट से जूझ रहा है और कोयले के दामों में बढ़ोतरी हो रही है । जितने भी थर्मल पावर से जब पावर जेनरेशन होता है उसके विद्युत दरों में लगातार देश में वृद्धि हो रही है। यह तो हमारे छत्तीसगढ़ में एनटीपीसी है, जो बिजली दे रहा है. उसके भी दरों में वृद्धि हुई है। केवल बिजली की दरों में बढ़ोतरी की बात नहीं है कोयले के संकट के कारण देश में परिचालन बंद है। रेलवे की सेवाएं प्रभावित हुई है. ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक सिस्टम, इंडस्ट्रीज सेक्टर भी कोयले के चलते प्रभावित हुए हैं. पूरे देश में पेट्रोल डीजल रसोई गैस कोयले की, ईंधन की जिस तरीके से महंगाई बढ़ रही है। आने वाले समय में आप देखेंगे अभी तो केवल बिजली का संकट आया है और अभी तो आगे देखिये कितने संकट आएंगे । इसी के खिलाफ तो हमारे नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो पदयात्रा कर रहे हैं. महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है आखिर केंद्र सरकार को भी इसका जवाब भी देना होगा। जनता के लिए महंगाई को कंट्रोल किए जाने का प्रयास करना होगा और कुछ न कुछ उसका परिणाम केंद्र सरकार को देना होगा. अन्यथा हम यह मान के चले केंद्र सरकार पूरी तरीके से असमर्थ हैं ।

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