मुख्यमंत्री से किसान ने की कृषि अधिकारी के खिलाफ शिकायत, सीएम भूपेश बोले- किसानों का पैसा खाने वाले बाहर नहीं घूम सकते, उन्हें भेजा जाएगा जेल
किसानों का पैसा खाने वाले बाहर नहीं घूम सकते, उन्हें जेल भेजा जाएगा
रायपुर। किसानों का पैसा खाने वाले बाहर नहीं घूम सकते, उन्हें जेल भेजा जाएगा। किसानों से धोखाधड़ी किये जाने का मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। माकड़ी में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक किसान की शिकायत पर सभी किसानों को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसानों से धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि ऐसे तत्वों को सबक सिखाया जा सके। उल्लेखनीय है कि माकड़ी में भेंट-मुलाकात के दौरान एक किसान ने सहायक कृषि विस्तार अधिकारी ए.के. टंडन के विरुद्ध शिकायत की थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि टंडन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। किसानों को फसल कीे उचित मूल्य के साथ ही उन्हें संरक्षण देना भी प्राथमिकता में है ताकि खेती किसानी को आगे बढ़ाने में निरंतर मदद मिलती रहे।
भेंट मुलाकात के दौरान राशन कार्ड में नाम नहीं जुड़ने की शिकायत की, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये और कार्यक्रम समाप्त होते तक नाम भी जुड़ गया- भेंट मुलाकात कार्यक्रम में लोगों की समस्या का निदान मौके पर ही हो रहा है। परतू पांडे ने शिकायत करते हुए कहा कि मेरी पत्नी का नाम राशन कार्ड में नहीं जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने तुरंत इसके लिए निर्देश दिये। कार्यक्रम की समाप्ति पर मुख्यमंत्री ने परतू को बताया कि आपकी पत्नी सोहदरा का नाम राशन कार्ड में जोड़ दिया गया है।
मावा गिरदा कोण्डानार के तहत हो रहा प्रशिक्षण- बस्तर फाइटर्स के लिए भर्तियां होने वाली हैं और इसकी तैयारियों के लिए प्रशिक्षण भी राज्य शासन द्वारा दिया जा रहा है। मावा गिरदा कोंडानार योजना के तहत इसकी तैयारी के लिए युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। युवाओं ने बताया कि प्रशिक्षण बहुत उम्दा है और इससे उम्मीद जग गई है कि हम निश्चित ही बस्तर फाइटर्स के लिए चयनित हो जाएंगे।कोंडागांव का तिखूर जा रहा है वियतनाम भी- मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव के उत्पादों को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गई है। यहां का तिखूर वियतनाम भी जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब आपका उत्पाद पहुंचता है तो आपको कई गुना लाभ मिलने की गुंजाइश बनती है। हमारी सरकार की यही कोशिश है कि बस्तर के उत्पादों की विशिष्टता की ब्रांडिंग हो, दुनिया भर को इनकी खूबी की जानकारी मिले। यह प्रमोशन जितना अच्छा होगा, हमारे वनोपजों की मांग उतनी ही बढ़ेगी और आप लोग समृद्धि के नये स्तर को प्राप्त करेंगे।