कका की गुगली कहीं भाजपा की गिल्ली न उड़ा दे..?
सूबे में सरकार बनने के बाद हुए अब तक के सभी उपचुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव की जीत को प्रतिष्ठा का सवाल मानकर चल रही है।
रायपुर। सूबे में सरकार बनने के बाद हुए अब तक के सभी उपचुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव की जीत को प्रतिष्ठा का सवाल मानकर चल रही है। इसलिए कि पिछले दिनों जिन पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए थे कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा था। भले ही यहां एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है ,लेकिन छत्तीसगढ़ में परिस्थिति अलग है। पन्द्रह साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी है तब से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की योजनाएं आम आदमी के लिए ही बन रही है। किसानों के सहारे वे सत्ता में लौटे लेकिन अब व्यापारी,कर्मचारी के साथ हर वर्ग के लिए आवश्यक योजनाएं घोषित कर अपने साथ जोड़ चुके हैं। तीन साल में सरकार विरोधी कोई माहौल भी नहीं दिख रहा। यदि बात खैरागढ़ की करें तो वहां जनता की जो अपेक्षा थी उन्होने अपने घोषणा पत्र में घोषित कर चुनावी गुगली फेंक दी है,अब भाजपा इससे बचने पुरजोर कोशिश कर रही है। चूंकि इलाका पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमनसिंह का माना जाता है,पर चुनाव की बागडोर सारे वरिष्ठ नेताओं एवं पूर्व मंत्रियों को सौंपकर भाजपा यह बताना चाह रही है कि पिछली बार भले ही वे महज 800 वोटों से चुनाव हार गए थे लेकिन अब नहीं। वे यह भी बता रहे हैं कि कांग्रेस का गड्ढा काफी बड़ा था और दिवंगत विधायक भी जोगी कांग्रेस से थे। लेकिन चुनाव तो चुनाव है..।
इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव प्रचार के लिए पहुंचते ही पूरे इलाके में एक बार फिर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनता दिखा। उन्होने बकरघट्टा साल्हेवारा और पैलीमेटा में महती सभा ली है,आने वाले दिनों में भी वे प्रचार के लिए यहां पूरा समय देंगे। लेकिन इससे पहले उनके द्वारा लोधी बाहुल्य इस इलाके के लिए कई बड़ी सौगात की घोषणा भाजपा को भारी पड़ रही है। वीरांगना अवंति बाई लोधी के नाम पर नारी सशक्तीकरण सम्मान हर साल दिया जायेगा। लोधी समाज इससे गदगद है। चुनाव जीतने के 24 घंटों के भीतर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला बनाया जाएगा साल्हेवारा को पूर्ण तहसील और जालाबांधा को उप-तहसील बनाया जाएगा। खैरागढ़ में दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की आदमकद प्रतिमा लगेगी। यहीं तो मांग थी लोगों की,उन्हे यह भी मालूम है कि सरकार कांग्रेस की है।
हालांकि इसकी काट ढूंढने के लिए भाजपा पुरजोर कोशिश कर रही है। लोधी मतदाताओं को लुभाने के लिए केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद लोधी की कई सभा रखने जा रहे हैं,वहीं मध्यप्रदेश की सीमावर्ती इलाके से जुड़े होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री सिंधिया की भी सभा तय की गई है। हालांकि अभी तक इनमें से कोई पहुंचे नहीं हैं। इस बीच उमा भारती को भी लाने का प्रयास चल रहा है। उपचुनाव में कांग्रेस व जोगी कांग्रेस ने नया चेहरा उतारा है और भाजपा ने पुराने ही प्रत्याशी पर दांव लगाया है। अप्रैल की गर्मी के साथ-साथ चुनाव की गर्मी भी बढ़ रही है। कांग्रेस को कका पर पूरा भरोसा है और वे दावा भी कर रहे हैं कि कका की गुगली इस बार भाजपा की गिल्ली उड़ा देगी। लेकिन चुनाव तो चुनाव हैं इंतजार करें चुनाव परिणाम आने तक।