BREAKING: कानन की 20 नील गाय जाएंगी गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व
कोरिया स्थित गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में कानन (BILASPUR NEWS) जू की 20 नील गाय को छोड़ा जाएगा
बिलासपुर। कोरिया स्थित गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में कानन (BILASPUR NEWS) जू की 20 नील गाय को छोड़ा जाएगा। शिफ्टिंग के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अपेंडारी नुमति मांगी गई है। हरी झंडी मिलते ही शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।कानन पेंडारी जू में लगातार वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ रही है। इसका प्रभाव कहीं न कहीं वन्य प्राणियों की बेहतर देखभाल पर पड़ रहा है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की भी गाइडलाइन है कि क्षमता से अधिक वन्य प्राणियों को जू में नहीं रखना है। वर्तमान में कानन में 33 नील गाय हैं। जबकि जू प्रबंधन केवल 13 नील गाय को ही रखना चाह रहा है। इसलिए 20 नील गाय की शिफ्टिंग की योजना बनाई गई।
प्रस्ताव बनाकर भेजा गयाइसके बाद प्राधिकरण (BILASPUR NEWS) को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया। वहां से अनुमति मिलने का इंतजार है। नील गाय के साथ-साथ ब्लैक बक, चौसिंगा, मणिपुर हिरण समेत कुछ और भी प्रजातियां हैं जो क्षमता से अधिक हो गए हैं। जू प्रबंधन संख्या कम करने की तैयारी में है। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ-साथ अदला-बदली कर दूसरे जू से ऐसे वन्य प्राणियों को लाने का प्रयास कर रहा है, जो कानन पेंडारी में नहीं है। इससे जू में प्रजातियों की संख्या भी बढ़ेगी। वर्तमान में 65 प्रजाति के वन्य प्राणी हैं। प्रजातियां बढ़ने से कानन को लार्ज जू बनाने में भी मदद मिलेगी।
प्राधिकरण के अनुसार किसी भी जू (BILASPUR NEWS) में 20 -25 चीतल से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन कानन में 90 चीतल हैं। हालांकि पिछले दिनों 50 चीतलों की शिफ्टिंग अचानकमार टाइगर रिजर्व, तैमोर पिंगला व गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में की गई थी। अन्य चीतलों की शिफ्टिंग की योजना है। इसके लिए भी प्राधिकरण को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। हालांकि चीतल शिफ्टिंग के लिए भी अनुमति नहीं मिली है। जू प्रबंधन को इसका इंतजार है। जू प्रबंधन का कहना है कि वन्य प्राणियों की संख्या कम रहने से बेहतर देखभाल की जा सकती है।