CG: झीरम पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्व मंत्री ने साधा निशाना, सीएम और कवासी लखमा से की इस्तीफे की मांग
छत्तीसगढ़ के चर्चित झीरम घाटी कांड की जांच अब राज्य सरकार की एजेंसी स्वतंत्र रूप से कर सकेंगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित झीरम घाटी कांड की जांच अब राज्य सरकार की एजेंसी स्वतंत्र रूप से कर सकेंगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया। अब इस पर फैसला आने के बाद बीजेपी के नेता सत्ता पक्ष पर लगातार हमले कर रहे है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीटर पर ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि झीरम कांड में उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है पर राज्य की एजेंसी जांच करेगी तो मुख्यमंत्री और कवासी लखमा से पूछताछ कर पाएगी…? इसीलिए राज्य के द्वारा जांच शुरू होने के पहले दोनों का इस्तीफा होना चाहिए।
जान गंवाने वाले कांग्रेस नेता के पुत्र ने बस्तर में दर्ज कराई थी दूसरी एफआईआरबता दें कि झीरम घाटी कांड में जान गंवाने वाले कांग्रेस नेता के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने बस्तर में दूसरी एफआईआर कराई है. इसके खिलाफ NIA ने याचिका लगाई थी. NIA की यह याचिका निचले कोर्ट से खारिज हो गई थी. निचली अदालत से याचिका खारिज होने पर NIA ने HC में अपील की थी.कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हुआ था हमला25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला कर दिया था. इस नरसंहार में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और सुरक्षाबलों सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें कांग्रेस के 20 से ज्यादा नेता मारे गए थे. बताया जाता है कि बस्तर में रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिल सुकमा से जगदलपुर जा चहा था. काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं. जिनमें लगभग 200 नेता सवार थे.