December 24, 2024

बीजापुर नक्सली हमले में शहीद असिस्टेंट कमांडेंट का पार्थिव शरीर आज पहुंचेगा रांची, गृहग्राम में होगा अंतिम संस्कार…

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बीते दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में झारखंड की राजधानी रांची के डिबडीह के रहने वाले असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की शहीद हो गए.

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रायपुर: बीते दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में झारखंड की राजधानी रांची के डिबडीह के रहने वाले असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की शहीद हो गए. जैसे ही परिवार वालों को शांति भूषण तिर्की के शहीद होने की सूचना मिली, घर में कोहराम मच गया. पत्नी पुष्पा बार-बार बेहोश हो जा रही थी. वहीं, परिवार के अन्य सदस्यों का भी बुरा हाल था.आपको बरता दें, शहीदी की खबर के बाद आसपास के लोग और रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला. वहीं, मासूम अनीशा को तो यह पता भी नहीं था कि उसके सिर से उसके पिता का साया उठ चुका है. हाल ऐसा, कि परिवार के लोग बातचीत करने की स्थिति में नहीं थे.इसी बीच सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान भी शहीद के घर पहुंच गए. पहले तो परिवार को दिलासा दिया, इसके बाद सारे लोग घर के आँगन में ही खड़े होकर शोक करने लगे.

आपको बता दें, असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की के दो बच्चे हैं. 11 वर्षीय पुत्र अनिकेत संत जेवियर्स स्कूल में पढ़ाई करता है, जबकि ढाई साल की पुत्री अनीशा है. असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की के पिता स्टीफन तिर्की ने कहा कि उनका पुत्र देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. नक्सलियों से लोहा लेते हुए उसने अपनी जान दी है. यह उनके लिए गर्व की बात है.उन्होंने मीडिया को बताया कि ग्यारह बजे कमांडेंट की पत्नी पुष्पा तिर्की के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें कामंडेंट के शहीद होने की बात लिखी हुई थी. इस मैसेज को पढ़ते ही वह रोने लगी. पूछने पर पता चला कि अब उनका पुत्र शांति इस दुनिया में नहीं रहा. उन्होंने कहा कि उनका पुत्र शांत स्वभाव का था. परिवार के हर सदस्य के साथ उनका अच्छा व्यवहार था. पिता स्टीफन ने कहा कि बेटे की जन्म पर सभी खुश हुए. जब नौकरी लगी तो उससे ज्यादा खुशी हुई, लेकिन शहादत पर गम तो है लेकिन गर्व भी.

भाई अजय तिर्की ने भी मीडिया से बातचीत कि और कहा शहीद असिस्टेंट कमांडेंट का पार्थिव शरीर रविवार को विमान से रांची लाया जाएगा. इसके बाद पार्थिव शरीर को सीआरपीएफ कैप ले जाया जाएगा. फिर वहां से डिबडीह नयाटोली स्थित घर लाया जाएगा और उसी इलाके के कब्रिस्तान में अंतिम क्रियाक्रम होगा.

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