December 24, 2024

भूपेश मंत्रिमंडल से किसकी होगी छुट्टी, क्यों हैं मंत्रियों के चेहरे पर पसीना

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छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिंजा में इन दिनों भूपेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा जोरों पर है।

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिंजा में इन दिनों भूपेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा जोरों पर है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खूद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत देकर आधा दर्जन मंत्रियों के चेहरे की हवाईयां उड़ा दी है। कुछ मंत्री इस बात को लेकर सदमें में है कि यदि हाईकमान की हरी झंड़ी मिल गई तो कहीं उनकी छुट्टी तो नही हो जाएगी?

किसकी होगी छुट्टी

यदि कांग्रेस हाईकमान भूपेश मंत्रिमंडल में परिवर्तन के लिए राजी हो गया तो आखिर किस मंत्री की छुट्टी हो सकती है यह एक बड़ा सवाल है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सत्ता के गलियारे के सुत्रों की माने तो मंत्रिमंडल में बदलाब का मुख्य मुद्दा राजनीतिक समीकरण को साधने के साथ ही ऐसे मंत्रियों को हटाना होगा जिनका परफार्मेंश ठीक नही है। लेकिन चुंकि मंत्रिमंडल में किसे रखना है या नही रखना है यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार भी होता है इस लिहाज से मंत्रिमंडल से ऐसे मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है जिन मंत्रियों का समीकरण फिलहाल मुख्यमंत्री से ठीक नही है।

सुत्रों की माने तो राज्य के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का नाम राजनीतिक गलियारों में चर्चा में है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री के साथ फिलहाल उनके समीकरण बहुत अच्छे नही है। लोग इसे उस घटना से भी जोड़ रहे है जब राजस्वमंत्री ने समीक्षा बैठक के लिए कलेक्टरों की बैठक बुला ली थी और बाद में सीएम हाउस ने बैठक को रद्द करने के आदेश जारी करवा दिए।

सुत्रों की माने तो फेरबदल के दौरान मुख्यमंत्री राज्य के सभी संभागों से मंत्रिमंडल में संतुलन स्थापित करने की कोशिश कर सकते है। ऐसे में दूर्ग संभाग से एक मंत्री का पत्ता कट सकता है। दूर्ग संभाग से अभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और पीएचई मंत्री रुद्र गुरू कुमार हैं। ताम्रध्वज साहू हटाये नहीं जायेंगे यह तय है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे वर्तमान में सीएम के भरोसेमंद मंत्रियों में है और सरकार के प्रवक्ता के साथ ही सदन में सरकार के लिए सबसे बेहतरीन संसदीय कार्यमंत्री का दायित्व निभा रहें है. लिहाजा सीएम उनके बारे में भी कोई विचार होगा ऐसा प्रतीत नहीं होता। ऐसी स्थिति में पीएचई मंत्री रूद्र गुरू को लेकर चर्चा का दौर जारी है। रूद्र गुरू के खिलाफ पीएचई विभाग का टेंडर कांड भी है, लिहाजा उनको लेकर चर्चा जोरो पर है।

तिसरे मंत्री के रूप में एक चर्चा बस्तर से भी है। सुत्रों की माने तो बस्तर से मौजूदा मंत्री को ड्रांप कर देवती कर्मा को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। इस कदम से सरकार स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा के परिवार को मंत्रिमंडल में जगह देकर बस्तर की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेंगी। वैसे बस्तर को स्वभाविक तौर पर दो मंत्री मिलना चाहिए। इस लिहाज से यह भी संभव है कि बस्तर से मौजूदा मंत्री को ड्रांप किए बिना भी बस्तर से एक नए मंत्री को मंत्रिमंडल में लिया जा सके।

हम एकबार फिर से यह स्पष्ट करना चाहते है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और किसे वे मंत्रिमंडल में रखेंगे या किसे ड्रांप करेंगे वे वही जानते होंगे। मौजूदा खबर केवल राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं और सुत्रों से मिले तथ्यों पर आधारित हैं।

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