छत्तीसगढ़ से धर्मांतरण का मुद्दा पहुंचा दिल्ली : संसद गोमती साय सदन में बोली – मिशनरी नक्सली से है खतरनाक… भड़के कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख
छत्तीसगढ़ में चल रही धर्म परिवर्तन की राजनीति दिल्ली पहुंच गई है।
दिल्ली।छत्तीसगढ़ में चल रही धर्म परिवर्तन की राजनीति दिल्ली पहुंच गई है। सांसद गोमती साय ने शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को शुक्रवार को उठाते हुए कहा है कि “केंद्रीय सुरक्षा बलों के दबाव में नक्सली अब बैकफ़ुट पर हैं। लेकिन नक्सलियों से ज़्यादा ख़तरनाक ये ईसाई मिशनरियाँ है तो छत्तीसगढ के भोले भाले वनवासियों को लालच देकर एवं भयादोहन करके धर्मांतरण करने में लगे हैं।
उन्होंने आगे कहा छत्तीसगढ के बीहड़ इलाक़ों में कई जगह प्रार्थना घर बनाने का काम चल रहा है।कुमार दिलीप सिंह जूदेव ने आजीवन धर्मांतरण के विरुध्द लड़ाई लड़ी। कुमार दिलीप सिंह जूदेव का ध्येय वाक्य होता था। धर्मांतरण और राष्ट्रांतरण एक सिक्के के दो पहलू हैं, जहां जहां धर्मांतरण हुआ वहाँ वहाँ राष्ट्रांतरण बलवती हुई”।
सांसद गोमती साय ने केंद्र सरकार से इस मसले में हस्तक्षेप करते हुए धर्मांतरण पर रोक लगाते हुए धर्मांतरण करने वालों के विरुध्द कड़े क़ानून बनाए जाने की माँग रखी है।
भड़के कांग्रेस संचार प्रमुख
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा “गोमती साय हो या भाजपा के अन्य सांसद जनहित के मुद्दे पर बोलती बंद रहती है। लेकिन भाजपा के एजेंडे को प्रचारित करने के लिए वे जरुर बयान देते हैं।
आज तक गोमती साय या भाजपा के नौ सांसदो ने कभी छत्तीसगढ़ के उसना चावल के मुद्दे पर एक शब्द नहीं बोला, छत्तीसगढ़ के बारदाना के बारे में एक शब्द नही बोला, जो पैसा छत्तीसगढ का केंद्र नही दे रहा है जो तीस हजार करोड़ से भी कुछ ज़्यादा है उस पर कोई कुछ नही बोला.. लेकिन धर्मांतरण के मुद्दे पर झू़ठे एजेंडे पर जरुर बोलेंगे लेकिन जनता के एजेंडे पर बोलती बंद रहती है”।