राजधानी रायपुर में नहीं होगा गरबा का आयोजन, मंदिरों के कार्यक्रमों को लेकर संशय
कोरोना के मामलों में आए सुधार के बाद नवरात्रि में गरबा की उम्मीद पर प्रशासन ने अपना अभिमत स्पष्ट किया है।
रायपुर। कोरोना के मामलों में आए सुधार के बाद नवरात्रि में गरबा की उम्मीद पर प्रशासन ने अपना अभिमत स्पष्ट किया है। राजधानी रायपुर में दुर्गोत्सव की धूम तो रहेगी लेकिन इस बार भी गरबा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
इसके पीछे जिला प्रशासन के आला अफसर यह तर्क दे रहे हैं कि गरबा के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते है। इसके अलावा दूसरे शहर और राज्यों से भी लोग राजधानी रायपुर पहुंचते है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की संभावना ज्यादा प्रबल होती है, इसलिए गरबा का आयोजन इस बार भी नहीं किया जाएगा।
इस बाबत मीडिया से चर्चा करते हुए रायपुर के एडीएम एनआर साहू ने कहा कि “इस बार की नवरात्रि में भी गरबा का आयोजन नहीं किया जाएगा, और ना ही इसके लिए कोई अनुमति जिला प्रशासन की ओर से दी जाएगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि “दुर्गोत्सव के लिए भी गणेशोत्सव की तरह ही गाइडलाइन जारी की जाएगी। जिसकी तैयारियां की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजधानी समेत देशभर में अभी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है, ऐसे में गरबे जैसे बड़े आयोजन करना उचित नहीं होगा। लिहाजा इस वर्ष भी शहर में रास गरबा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
मंदिरों में गाइडलाईन का इंतज़ार
इधर मंदिरों में ज्योति प्रज्ज्वलन समेत तमाम कार्यक्रमों के लिए भी मंदिर ट्रस्ट सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रही है। हालांकि राजधानी के तमाम मंदिरों में विभिन्न स्तर पर शारदीय नवरात्र को लेकर तैयारियां जारी है। शहर के सबसे प्राचीन माँ महामाया देवी मंदिर में इस बार ज्योति कलश प्रज्वलन के लिए रसीदें नहीं काटी जा रही है।
जो पिछली बकाया रसीदें हैं उन श्रद्धालुओं के नाम की ज्योति इस वर्ष प्रज्वलित की जाएगी। इसके अलावा यदि शासन की ओर से कोई गाइडलाइन आती है उसके मुताबिक मंदिर में दर्शन व्यवस्था, सार्वजनिक कार्यक्रम, भजन संध्या जैसे आयोजनों की तैयारियां की जाएंगी।