December 23, 2024

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने पर सियासत तेज, कांग्रेस ने पूछा सरदार पटेल स्टेडियम का नाम मोदी पर क्यों ?

0

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि कोरोना प्रमाण पत्र में अपनी फोटो लगाने और सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर अपने नाम से करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है।

IMG-20210807-WA0000

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि कोरोना प्रमाण पत्र में अपनी फोटो लगाने और सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर अपने नाम से करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड होगा। मोदी सरकार के फैसले को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने कहा कि है, मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर थे, उनके प्रति पूरा देश श्रद्धावनत है, पर स्व.राजीव गांधी जी के नाम पर हटाया गया खेल अवार्ड उन्हें अपमानित करने के उद्देश्य से किया गया है। वैसे भी जिनके किसी भी नेता ने देश की आजादी से लेकर उसके नवनिर्माण में देश की एकता अखंडता के लिए उंगली भी न कटाई हो ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे।


राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद अवार्ड करने पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई पर भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने कहा अब तक ये सम्मान किसी एक परिवार के नाम पर ही था, लेकिन हम किसी परिवार या नेता का नहीं बल्कि उनका सम्मान करते हैं। जिन्होंने उस क्षेत्र में काम किया है। इस पर कांग्रेस ने पूछा कि सरदार पटेल स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी के नाम से किस आधार पर रखा गया। नरेंद्र मोदी ने खेल के क्षेत्र में कुछ काम किया है, ऐसा तो नहीं दिखता। मेजर ध्यान चंद के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदल कर नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखने के बजाय ध्यानचंद स्टेडियम रख देते। अरुण जेटली के नाम स्टेडियम का नाम बदलकर सुनील गावस्कर, कपिल देव या सचिन तेंदुलकर के नाम पर किया जाये.


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि 41 वर्ष के बाद भारत ने हॉकी में ओलंपिक में कोई मेडल जीता है उसकी याद अक्षुण्ण रखने के लिए मेजर ध्यानचंद के नाम पर कोई पुरस्कार शुरू किया जा सकता था। मोदी सरकार की नीयत ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार करना नहीं अपितु स्व राजीव गांधी के नाम से दिया जाने वाले पुरस्कार का नाम बदलना था। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने स्व. राजीव गांधी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कार को बदल कर एक नई राजनैतिक परिपाटी की शुरुआत की है इसका परिणाम आने वाले समय देखने मिलेगा। लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तनशील होती है और यह राजनैतिक निर्णय आने वाली सरकारों के लिए नजीर बनेगी।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर.पी. सिंह ने कहा है कि वैसे मेजर ध्यानचंद के नाम से लाइफ टाइम अचीवमेंट इन स्पोर्ट्स एंड गेम्स का पुरस्कार दिया जाता रहा है जिसमें एक प्रमाण पत्र, एक विशिष्ट समारोह की पोषाक और दस लाख रू. का नगद इनाम होता है। दरअसल मोदी सरकार को तो हॉकी से या मेजर ध्यानचंद से कोई लेना देना नहीं है। अन्यथा ओलंपिक हॉकी की पुरूष और महिला टीमों की स्पांसरशिप की जिम्मेदारी उड़ीसा सरकार को नहीं उठानी पड़ती। यह भाजपा की केंद्र की मोदी सरकार की हॉकी के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये का जीताजागता सबूत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed