विधानसभा में जोरदार हंगामा : मंत्री TS सिंहदेव के वॉकआउट को विपक्ष ने विशेषाधिकार का मामला बताकर किया हंगामा….CCTV पर व्यवस्था के बाद भड़का विपक्ष….प्रश्नकाल बाधित, विपक्ष ने कहा संकट में है सदन..
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में आज भी बृहस्पत-सिंहदेव विवाद का मुद्दा जोरशोर से उठा है।
रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में आज भी बृहस्पत-सिंहदेव विवाद का मुद्दा जोरशोर से उठा है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री टीएस सिंहदेव के कल के बयान को आज सदन में दोहराया। कहा- जब सरकार के मंत्री ने ही सरकार पर अविश्वास व्यक्त कर दिया तो सदन चलाने का कोई औचित्य नहीं है। ये भी एक विशेषाधिकार है कि एक मंत्री सदन छोड़कर चला जाये. जब सदन में सरकार ही नहीं है तो फिर इस सदन में चर्चा कैसे होगी.
सदन में इसे लेकर जोरदार हंगामा हो रहा है।
सत्ता पक्ष लोगों ने इस पर भाजपा पर आरोप लगाया। कहा कि यह मुद्दा विहिन मामलों पर विपक्ष हंगामा कर रहा है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने अपने सीट से उठकर समझाने की भी कोशिश की। लेकिन विपक्ष अपनी बात को लेकर सदन में हंगामा करते रहे हैं। जिसके बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
आज मंत्री सिंहदेव के विधानसभा पहुंचने को लेकर संशय कायम है। अभी तक मंत्री सिंहदेव विधानसभा नहीं पहुंचे हैं । संभावना जताई जा रही है कि सरकार की ओर से उनके पक्ष में वक्तव्य रखे जाने के बाद सिंहदेव सदन में मौजूद हो सकते हैं। इधर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन में दिये गये बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह सदन की अवमानना है. मंत्रियों-नेता प्रतिपक्ष के कमरे में लगी टीवी सुविधा के लिए है.
कल सदन की कार्यवाही की रिकोर्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल करना अनुचित है. वहीं बीजेपी विधायकों ने इस मामले में जांच की मांग की. स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा, इतनी कम संख्या में सदन में विपक्ष की मज़बूत भूमिका की देशभर में चर्चा है. मैं चाहता हूँ सदन में सौहार्दपूर्ण वातावरण बने रहे. संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि विपक्ष मुद्दों पर बात करने से भागता है और जो मुद्दे नहीं है उस पर हंगामा करता है.
मंत्री का ऐसे सदन से जाना भी विशेषाधिकार का हनन है. वो मंत्रिमंडल में है या नहीं ये स्थिति सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. क्या मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है?
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी भी सदन छोड़ कर गए थे. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वो सदन छोड़ कर नहीं बल्कि इस्तीफा देकर गए थे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने जब तक सरकार का जवाब नहीं आता तब तक सदन में नहीं आने की बात कही है.
स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा, इतनी कम संख्या में सदन में विपक्ष की मज़बूत भूमिका की देशभर में चर्चा है. मैं चाहता हूँ सदन में सौहार्दपूर्ण वातावरण बने रहे. संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि विपक्ष मुद्दों पर बात करने से भागता है और जो मुद्दे नहीं है उस पर हंगामा करता है. मंत्री का ऐसे सदन से जाना भी विशेषाधिकार का हनन है. वो मंत्रिमंडल में है या नहीं ये स्थिति सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. क्या मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है?