मेट्रो चलाने के क्या होंगे नियम, आज मीटिंग में होगा फैसला
विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली इस मीटिंग में देश के सभी राज्यों में मेट्रो के परिचालन का जिम्मा संभाल रही कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसी मीटिंग में मेट्रो के परिचालन से जुड़ी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) पर चर्चा की जाएगी और अगर उसमें कुछ नए नियम जोड़ने या कुछ पुराने बिंदु हटाने की आवश्यकता है, तो उस पर विचार विमर्श कर फाइनल एसओपी जारी की जाएगी। इस एसओपी में जो नियम कायदे बताए जाएंगे, उन्हीं के अनुसार आगे चलकर मेट्रो का परिचालन और मेंटिनेंस किया जाएगा और सभी कंपनियों को पूरी सख्ती के साथ इन नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि मेट्रो के परिचालन के लिए जो एसओपी तैयारी की गई थी, उसे पहले ही सभी राज्यों में मेट्रो का संचालन कर रही कंपनियों को सर्कुलेट कर दिया गया है। बाकी 1 सितंबर को होने वाली मीटिंग में सभी मेट्रो कंपनियों के एमडी के साथ चर्चा करके इसे फाइनल किया जाएगा। सभी मैनेजिंग डायरेक्टरों से कहा गया है कि वे पहले से तैयारी की गई एसओपी को अच्छी तरह से देखकर वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर उसका आकलन करें और मीटिंग में इससे जुड़े अपने अन्य सुझाव रखें। सभी महत्वपूर्ण सुझावों को नई एसओपी में शामिल करने के बाद ही एसओपी फाइनल की जाएगी।
हालांकि दिल्ली मेट्रो से जुड़े जानकारों का कहना है कि एसओपी में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना तो नहीं है, लेकिन लोकल लेवल पर कुछ और सावधानियां बरतने का निर्देश दिया जा सकता है। इसके अलावा डिपो में मेट्रो के मेंटिनेंस और ट्रेनों के सैनिटाइजेशन और यात्रियों की चेकिंग आदि के संबंध में कुछ और नियम सामने आ सकते हैं। तमाम नियमों पर विचार विमर्श के बाद ही नई एसओपी तैयार की जाएगी और संभावना है कि अगले एक-दो दिन में यह नई एसओपी जारी कर दी जाएगी।