December 23, 2024

Amazon, Google जैसी कंपनियों को लगेगा बड़ा झटका, टेलिकॉम कंपनियों ने अपनी इस सर्विस के चार्ज किए दोगुने

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नई दिल्ली| भारत में काम करने वाली विदेशी फर्मों से 16 जुलाई से प्रति शॉर्ट मैसेज सर्विस (SMS) के लिए $0.030 (2.23 रुपए) का शुल्क लिया जाएगा, जो मौजूदा दरों से दोगुना और टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा घरेलू कंपनियों से लिए जा रहे चार्ज से लगभग 20 गुना अधिक है. इंडस्ट्री के अधिकारियों ने कहा इसके नतीजन, कुछ विदेशी कंपनियों को कम्यूनिकेशन के ऑप्शनल सोर्सेज की तलाश करने के लिए मजबूर किया जा सकता है.


अधिकारियों ने कहा कि विदेशी उद्यम इन-ऐप नोटिफिकेशन, ईमेल और वाट्सऐप बिजनेस मैसेजिंग जैसे विकल्पों का सहारा ले सकते हैं, लेकिन टेलीकॉम अभी भी हाई रेवेन्यू कलेक्ट करेंगे क्योंकि मिशन-क्रिटिकल मैसेजेस जैसे वन-टाइम पासवर्ड के लिए SMS भेजने की आवश्यकता होती है. नए रेट्स Amazon, Google, Facebook और Uber के साथ-साथ Standard Chartered, HSBC, Citibank और Deutsche Bank सहित विदेशी बैंकों पर लागू होंगे. एक प्रमुख टेलीमार्केटिंग कंपनी के एक कार्यकारी ने कहा, “कीमतों में वृद्धि से ट्रैफिक में कुछ कमी आएगी. उदाहरण के लिए, अधिकांश विदेशी बैंकों में टॉप लेवल के ग्राहक होते हैं जो वाट्सऐप और ईमेल के रेगुलर यूजर होते हैं. विदेशी कंपनियों द्वारा एक बिलियन की तुलना में हर महीने डोमेस्टिक एंटिटी द्वारा 40 बिलियन से अधिक SMS भेजे जाते हैं, जो अब कम होने की उम्मीद है.”

SMS ट्रैफिक पर किसी असर की उम्मीद नहीं

हालांकि, एक टेलीकॉम कंपनी के एग्जिक्यूटिव ने कहा कि उन्हें SMS ट्रैफिक पर किसी असर की उम्मीद नहीं है क्योंकि इंटरनेशनल एंटरप्राइजेस में कीमतों में बढ़ोतरी को आसानी से सहन करने की क्षमता है. उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “भारत में अभी भी दुनिया में सबसे कम रेट हैं. वे अन्य बाजारों में $0.060 के करीब, काफी अधिक कीमत चुका रहे हैं.”कई विदेशी उद्यम टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अलग-अलग दरों पर शुल्क लगाए जाने और भारतीय ग्राहकों के लिए SMS का उपयोग करने के बावजूद ‘अंतर्राष्ट्रीय’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने से परेशान हैं.


एक अन्य टेलीकॉम कंपनी एग्जिक्यूटिव ने कहा, “कोई भी यूनिट जिसके क्लाउड सर्वर भारत के बाहर हैं और भारतीय ग्राहकों का डेटा उन बाहरी डेटा सेंटर्स द्वारा संसाधित किया जा रहा है, उसे अंतरराष्ट्रीय के रूप में वर्गीकृत किया गया है.” “उबर या एमेजॉन की भारत में सहायक कंपनियां हो सकती हैं, लेकिन जब भी आप टैक्सी बुक करते हैं या ऑर्डर देते हैं, तो इसे यूएस में कहीं सर्वर द्वारा संसाधित किया जाता है.”
एमेजॉन, गूगल, फेसबुक, उबर और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है जबकि एचएसबीसी, सिटी बैंक और ड्यूश बैंक ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. वहीं वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो इंफोकॉम और भारती एयरटेल ने कोई टिप्पणी नहीं की है.

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