भारत का एक ऐसा मंदिर, जहाँ होती है मोटरसाइकिल की पूजा, वजह जानकर रह जायेंगे दांग
राजस्थान| देश अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है। कोई पत्थर में ईश्वर ढूंढ लेता है तो कोई पोधे या जानवर के आगे सिर झुकाता है। मगर राजस्थान में एक ऐसा स्थान है, जहां लोग किसी प्रतिमा की नहीं, बल्कि मोटरसाइकिल की पूजा करते हैं। आप भी सोच कर चौंक गए होंगे, मगर यह बात सच है। यहां बाइक की ही पूजा होती है तथा ऐसी मान्यता है बाइक की पूजा से उनकी रक्षा होती है तथा इच्छाएं भी पूरी होती है। बाइक का यह मंदिर ना केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि कई लोग इस अजीबोगरीब मंदिर को देखने भी आते हैं। ऐसे में जानते हैं कि इस बाइक में ऐसा क्या है तथा इसके पीछे की क्या कहानी है, जिसके कारण लोग एक कई वर्ष पुरानी बाइक में ईश्वर खोज रहे हैं। यह मंदिर केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में मशहूर है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, पूजा करते हैं, आरती करते हैं तथा मनोकामना मांगते हैं।
कहां है ये मंदिर
यह मंदिर राजस्थान के जोधपुर-पाली हाइवे से 20 किमी दूर है। यह पाली शहर के समीप मौजूद चोटिला गांव में है। पहले भले ही लोग इसे नहीं जानते थे, मगर अब इस हाइवे पर गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह जाना पहचाना स्थान है।
क्या है बाइक पूजा की कहानी
बात वर्ष 1988 की है, जब पाली के रहवासी ओम बन्ना अपनी बुलेट बाइक से जा रहे थे तथा मार्ग में दुर्घटना हो गई तथा उनकी मृत्यु हो गई। ये कहानी है कि एक्सीडेंट के पश्चात् इस बाइक को थाने ले जाया गया, मगर ये बाइक वहां से गायब हो गई। इसके पश्चात् वो बाइक दुर्घटनास्थल पर मिली, जहां ओम बन्ना का एक्सीडेंट हुआ था। फिर इसके पश्चात् इसे थाने ले जाया गया और फिर ये बाइक वापस उसी जगह पर आ गई। ऐसा कई बार हुआ। माना जाता है कि इस बाइक को पुलिस ने चेन से बांध कर भी रखा था।
मगर फिर भी यह बाइक थाने से गायब हो गई। तत्पश्चात, इसे चमत्कार माना गया तथा उस बाइक को उसी जगह पर स्थापित कर दिया गया। इसके बाद लोग इसकी उपासना करने लगे तथा लोगों की आस्था बढ़ गई। इसके बाद लोगों का कहना है कि ओम बन्ना और बाइक उनकी रक्षा करते हैं तथा इच्छाएं पूरी करते हैं। कहा जाता है कि जब से बाइक का मंदिर बनाया गया है, तब से यहां कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ। इसके पश्चात् लोग दूर दराज से पूजा करने आते है। अब राजस्थान में कई लोग ओम बन्ना की पूजा करते हैं तथा उनकी आरती, भजन भी बहुत गाए जाते हैं।