मुख्यमंत्री बघेल द्वारा PM मोदी से 20 फीसदी आक्सीजन के औद्योगिक उपयोग के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने मांगा प्रस्ताव
रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कल 16 मई को दूरभाष पर हुई चर्चा और इसके पहले प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ ली गई वीडियो कांफ्रेसिंग में कोरोना की स्थिति में सुधार तथा आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए स्टील उद्योगों को 20 फीसदी आक्सीजन के उपयोग की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया था। PM मोदी ने इस पर विचार का आश्वासन दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री बघेल से फोन पर हुई चर्चा में केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर भेजने को कहा था।जिस पर मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने आज केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल को पत्र लिखकर स्टील उद्योगों को छत्तीसगढ़ में उत्पादित आक्सीजन की 20 प्रतिशत मात्रा के उपयोग की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भेेजे पत्र में लिखा है कि – छत्तीसगढ़ राज्य की विभिन्न इकाईयों की कुल दैनिक ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता 462 मीट्रिक टन है। सामान्य परिस्तिथियों में राज्य की स्टील निर्माता कम्पनियों को ऑक्सीजन निर्माताओं द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है।कोरोना महामारी के इस बढ़ते प्रकोप के कारण केंद्र सरकार ने देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु उत्पादित ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि राष्ट्रीय आपदा की घड़ी में राज्य के सभी ऑक्सीजन उत्पादकों द्वारा अनेक राज्यों को उनकी आवश्यकता एवं माँग के अनुरूप ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए।
15 मई 2021 की स्थिति में राज्य के कोरोना मरीजों के उपचार हेतु 114.93 मीट्रिक टन तथा अन्य राज्यों को 175.27 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गयी। जबकि 28 अप्रैल 2021 की स्थिति में राज्य की ऑक्सीजन की कुल आवश्यकता 149.83 मीट्रिक टन तथा अन्य राज्यों की कुल आवश्यकता 340.18 मीट्रिक टन की आपूर्ति राज्य के ऑक्सीजन निर्माताओं द्वारा की गयी।मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि कोरोना महामारी की स्थिति में निरन्तर सुधार हो रहा है। ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों को ऑक्सीजन की मांग के अभाव में क्षति हो रही है तथा ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्य की सभी स्टील निर्माता इकाईयां बंद पडी है, जिसके कारण लाखों मजदूर बेरोजगार हो गये है। इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अनुरोध है कि राज्य की स्टील निर्माता इकाईयों को राज्य में उत्पादित 20 प्रतिशत मात्रा (92 मीट्रिक टन) के उपयोग की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें। भविष्य में किसी भी समय अतिरिक्त मेडिकल ऑक्सीजन की मांग यदि उत्पन्न भी होती है, तो स्टील निर्माता इकाईयों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकी जा सकती है।