अगर इस बैंक में है आपका पैसा तो नही मिलेगा वापस, RBI ने रद्द किया बैंक का लाइसेंस
नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक ने एक और सहकारी बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया है. RBI पश्चिम बंगाल के को-ऑपरेटिव बैंक यूनाइडेट को-ऑपरेटिव बैंक (United Co-operative Bank Ltd) का लाइसेंस कैंसिल किया है. केंद्रीय बैंक ने कहा, बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और कमाई की भी संभावना नहीं है. RBI द्वारा को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद इस बैंक के जमाकर्ताओं की परेशानी बढ़ गई है. वे अब सोच रहे होंगे कि बैंक में उनकी जमा रकम का क्या होगा. उनके पैसे कहीं डूब तो नहीं जाएंगे.
बता दें कि RBI ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने और जरूरी कार्यवाही शुरू होने के साथ ही DICGC एक्ट, 1961 के तहत जमाकर्ताओं को उनकी रकम लौटा दी जाएगी. बैंक की ओर से ग्राहकों के बारे में जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं, उसी के मुताबिक सभी जमाकर्ताओं को पूरी रकम लौटाई जाएगी. हालांकि केंद्रीय नियमों के मुताबिक, 5 लाख रुपए तक की अधिकतम सीमा का पालन भी किया जाएगा.
क्या है डिपॉजिट इंश्योरेंस
किसी बैंक के डिफॉल्ट या फेल होने पर एक हद तक ग्राहकों की जमा सुरक्षित रहती है. इसे डिपॉजिट इंश्योरेंस कहते हैं. डिपॉजिट इंश्योरेंस एक तरह का प्रोटेक्शन कवर है. यह बैंक के जमाकर्ताओं को मिलता है. डीआईसीजीसी यह इंश्योरेंस मुहैया कराता है. यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है.DICGC के तहत सभी तरह के बैंक जमा को कवर होता है. इनमें बचत, को-ऑपरेटिव बैंक यूनाइडेट को-ऑपरेटिव बैंककरेंट अकाउंट और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) शामिल हैं. इसकी सीमा 5 लाख रुपए तक होती है. इसका मतलब है कि बैंक में ग्राहकों की 5 लाख रुपए तक की जमा ही सुरक्षित है.
अगर आपकी किसी एक बैंक में कुल डिपॉजिट 5 लाख रुपए से ज्यादा है तो भी आपको केवल 5 लाख रुपए तक का ही कवर मिलेगा. यानी बैंक के डूबने या लाइसेंस रद्द होने के मामले में ग्राहक को 5 लाख रुपए तक की रकम ही लौटाई जाएगी. चाहे बैंक में जमा रकम 5 लाख रुपए से कम हो या इससे ज्यादा. अब उन लोगों का क्या होगा जिनका इस बैंक में 5 लाख रुपए से कम जमा है.