Viral News: पति को जिंदा रखने के लिए मुंह से सांस देती रही पत्नी, फोटो देख पसीजा लोगों का दिल
नई दिल्ली| कोरोना महामारी भारत में कहर बनकर टूट रही है. अब ये किसी से छिपा नहीं कि लोग वक्त पर इलाज न मिलने की वजह से दम तोड़ रहे हैं. इस बुरे दौर में देश की जनता खुद को बड़ा लाचार महसूस कर रही है. कोरोना महामारी की वजह से हालात इतने खराब है कि स्वास्थ्य व्यवस्था पुरी तरह से चरमरा चुकी है. देश भर में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिल पा रही और न ही दवाईयां. ऐसे दौर में लोग कई लोग जिंदगी की जंग हार गए और उनका परिवार एकदम अकेला हो गया.
सोशल मीडिया पर कई ऐसी फोटोज वायरल हो रही है, जिन्हें देखने के बाद कोई भी सिहर उठेगा. कई लोग ठेले और रिक्शे पर परिजनों को अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं तो कई मरीज समय पर बेड्स न मिलने की वजह से अस्पतालों के बाहर ही दम तोड़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर इन हलातों की भयावह तस्वीरें इस बात को साबित कर रही है कि हम कितनी मुश्किल परिस्थिति से जूझ रहे हैं. ऐसी ही एक तस्वीर आगरा से सामने आई है जहां एक महिला, पति को बचाने के लिए उसे मुंह से सांस देती नजर आई.
भाव विभोर कर देने वाली तस्वीर 😭😭
— Athar_Chaudhry💙 (@AtharChaudhry45) April 25, 2021
Naman hai nari tujhe 🙏🙏🙏🙏
— ट्रोलमास्टर Ashu (@Ashu18322057) April 25, 2021
Heartbreaking 😭
— Jabiscus Lama (@JabiscusL) April 25, 2021
सोशल मीडिया पर ये फोटो ट्विटर यूजर @SamarRaj_ ने शेयर की. उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘छूने से भी फैल जाने वाली इस बीमारी के दौर में, सांसों से सांस देने की हिम्मत करना मूर्खता तो है मगर मोहब्बत है, बेबसी है, तड़प है; अपनों को बचाने की आखिरी कोशिश है. ऐसे हालात में खुद की जान की परवाह भला कहां होती है.’ एक रिपोर्ट के मुताबिक, ’47 वर्षीय रवि सिंघल की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी. ऐसे में पत्नी रेनू सिंघल पति को कई अस्पताल लेकर पहुंचीं. लेकिन कहीं खाली बेड नहीं मिला.
हालांकि महिला अपने बीमार पति को ऑटो में लेकर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी. पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो पत्नी अपने मुंह से पति को ऑक्सीजन देने की कोशिश करने लगी. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वह पति की जान नहीं बचा पाई. इस फोटो को देखने के बाद लोग ने देश की इस दुर्दशा पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा कि कितना बेबस है हमारा सिस्टम, जो लोगों को सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दे रहा है.