VIDEO: अस्पताल कर्मचारी की बड़ी लापरवाही, शव बदली को लेकर दो परिवार आपस मे भीडे… कोरोना से हुई मरीज की मौत, लेकिन दूसरे परिजनो ने किया शव का अंतिम संस्कार, मचा बवाल
संवाददाता : कामिनी साहू
राजनांदगांव। राजनांदगाव जिले के जिला मेडिकल काँलेज अस्पताल मे एक अनोखा मामला सामने आया है। जहाँ पर कोविड 19 मे मौत हुए आदमी का शव को पोस्टमार्टम के बाद दुसरे को दे दूसरे परिजन को दिया और अंतिम संस्कार के बाद पता लगा की शव की और का था जिस पर दो परिवार आपस मे शव को लेकर भीडे वही पुत्र अपने पिता के शव के लिए अस्पताल प्रशासन के चक्कर काटने मजबूर।
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राजनांदगाव जिला मेडिकल काँलेज हमेशा विवादों मे घिरा रहता है और आज भी एक अनोखा मामला सामने आया है। मामला इस प्रकार है दुर्ग जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के ग्राम खपरी मे रहने वाले रिटायर्ड आर आई।
हृदय राम जोशी पिछले एक सप्ताह पहले कोरोना पाँजिटिव आये जिसके इलाज के लिए पुत्र सुशील जोशी ने दुर्ग और रायपुर के 15 से 20 अस्पताल के चक्कर काट चुके थे और मेकाहारा मे भर्ती किये लेकिन आँक्सीजन नही होने के कारण हालत बिगढते गई जिसपर परिजनों ने 15 हजार रूपये देकर नीजी एंबुलेंस मे राजनांदगाव जिला मेडिकल काँलेज अस्पताल मे भर्ती करवाया।
एक आँक्सीजन की व्यवस्था हुई और चार दिनो तक इलाज के आखिर कार हृदय जोशी ने दम तोड दिया और और कल उनका पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को देना था लेकिन शव का पीएम करके शव को मोहिंत चंद्राकर परिवार को सौप दिया जहा पर चंद्राकर परिवार बीना देखे अपने छोटे भाई का शव समझकर शव का अंतिम संस्कार कर दिये।
वही आज पुत्र अपने पिता के शव लेने तब पता चला की शव शव कक्ष मे नही है उस शव को कोई और परिवार को सौप दिया था जिसपर दोनो परिवार आपस मे भीडे और जोशी परिवार पुत्र अपने पिता के शव के लिए अस्पताल प्रशासन के चक्कर काट रहे है और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते शव गुम होने की शिकायत पुलिस से करने की बात कर रहे है।
कोरोना से मौत हुए आदमी के शव बदली और शव के अंतिम संस्कार के मामले मे वही दूसरे पक्ष दुर्ग जिला पाटन थाना क्षेत्र के राजेश चंद्राकर की मौत हुई है जिसपर मृतक के बडे भाई मोहिंत चंद्राकर का कहना है की भाई के मौत के बाद कल शव को अंतिम संस्कार के लिए दिये पर शव को देखने नही दिये जिससे ओ पहचान नही पाये और भाई का शव समझकर गोकुल नगर मुक्तिधाम मे अंतिम संस्कार कर दिये लेकिन बाद मे पता लगा की जिस शव का अंतिम संस्कार किया है।
आज दोनो परिवार आमने सामने हुए और दोनो के बीच विवाद हुआ वही अस्पताल पुलिस ने दोनो परिवार को समझाया पर दोनो परिवार अस्पताल प्रशासन पर सीधे सीधे आरोप लगा रहे है की शव को देखने नही दिया यहा प्रशासन के फोटो काँल पर नही है करके शव को दे दिया ।
कोरोना से मौत हुए रिटायर्ड आर आई हृदय लाल जोशी की मौत के बाद शव का दूसरे परिजन को देने और उनका अंतिम संस्कार करने के मामलें. को लेकर जिला मेडिकल काँलेज अस्पताल अधीक्षक डाँ प्रदीप बेग का कहना है की शव का पोस्टमार्टम कर ओ नगर निगम को सौप देता है अब नगर निगम किस परिजन को देता है ये हम नही जानते पर शव को पहचान कर परिजन को सौपते है वही लापरवाही को सीरे से नकार.रहे है।