महात्मा गांधी नरेगा के तहत लाखो रुपये का कार्य पर उठे सवाल,रसूखदार जेब भरने और साठ गांठ कर मजदूरों के हक पर डाका
संवाददाता – मिथुन मंडल
पखांजुर – कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के अंतर्गत उलीया पंचायत के ग्राम दुर्गापुर pv97 के 2020-2021 में स्वीकृत हुआ शासन के महत्वपूर्ण योजना महात्मा गांधी नरेगा के तहत 706831 रुपये का कार्य पर सवाल उठ गया है?
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मामला है उलीया पंचायत के दुर्गापुर pv97 का जहाँ तालाब गहरीकरण के नाम पर शासन से पैसे स्वीकृत हुआ है जिस पर गांव के कुछ लोगो द्वारा 3 JCB मशीन के अलावा लगभग 15 से 20 ट्रैक्टर डोजर गाडियों से तालाब का गहरीकरण किया जा रहा था जिसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को मिलते ही जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष डे द्वारा एक टीम उलीया के लिए रवाना कर दिया गया जहाँ टीम ने मौके पर पहुँच कर मशीनों को काम करते पाया और ग्रामीणों से पूछताछ पर बताया गया कि गांव के लोगो द्वारा ही यहाँ काम करवाया जा रहा है
जिसपर टीम पंचनामा भरकर वापस कार्यलय पहुँच उलीया पंचायत को शासन द्वारा स्वीकृत कार्य की जानकारी ली गई जिसमें दुर्गापुर pv97 में तालाब गहरीकरण के नाम पर शासन के पैसे आवंटित पाया गया है, जिसपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष डे द्वारा बताया गया कि यहाँ गहरीकरण का कार्य अगर शासन के योजना के अंतर्गत पाया जाता है तो यहाँ कार्य को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा और संबंधित लोगो को दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।
किशोर मंडल(जनपद उपाध्यक्ष) का कहना है कि मैं स्वम् सूचना के बाद कार्य स्थल पर मौजूद था और मशीनों को कार्यकरते देखा हु यहाँ अगर शासन के योजना से संबंधित है तो कही न कही मजदूरों के हक पर डाका है ।दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए ऊपर तक इस बात को पहुँचाया जायेगा
शासन के महत्वपूर्ण योजना जो मजदूर किसानों के लिये होता है जिस पर क्षेत्र वासियों का कहना है कि कुछ रसूखदार लोग अपना जेब भरने और साठ गांठ कर मजदूरों के हक पर डाका डाल देते है और योजनाओं से जरूरतमंद लोग बंचित रह जाते है, वही शासन नक्सलप्रभावित क्षेत्र में शासन के योजनाओं की वाहवाही लूटने में कोई कसर बाकी नही रखती और जमीनी हकीकत ये वया करती आखिर जिम्मेदार कौन??