पुष्प महोत्सव मे छत्तीसगढ़ी लोक कला को किया दरकिनार, भोजपुरी गाना मे डास पर राजकीय गीत गाने वालो को किया कार्यक्रम मे नही मिला स्थान,प्रतिभागी रूपये देने के बाद भी घंटो खडे रहे और बिना प्रस्तुति दिये कार्यक्रम से बाहर निकले
संवाददाता – कामिनी साहू
राजनांदगांव – शहर को संस्कारधानी और अभी हाल मे शहर का नगर निगम के द्धारा हमर मयारु राजनांदगांव के नाम का नामकरण भी किया गया है और 12 और 13 को नगर निगम के द्धारा करोड खर्च कर पुष्प वाटिका का सौंदर्यीकरण किया गया है और पुष्प महोत्सव का आयोजन किया गया इस आयोजन की शुभारंभ जिले के कलेक्टर एसपी जिला पंचायत सीईओ सहित शहर के गणमान्य नागरिक अधिकारियों के मौजूदगी मे माँ शारदा की पूजा आर्चना और द्धीप प्रज्जवलित कर करोडो रूपये खर्च कर कार्यक्रम की शुरुआत की लेकिन संस्कारधानी शहर मे नगर निगम द्धारा बडा कार्यक्रम आयोजन किया पर छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत का कार्यक्रम नही किया गया और.कार्यक्रम मे तरह तरह के गीत ,गायन ,डास के साथ भोजपुरी गाने मे डास का कार्यक्रम किया पर संस्कार धानी शहर मे छत्तीसगढ़ी गीत गायन और लोक कला को कोसो दूर रखा गया वही कार्यक्रम मे.लोग भाग लिये थै और 50 ,100 और दो सौ रूपये की एंट्री फीस जमा कर रसीद ली थी मगर कार्यक्रम मे संगीत और.डास प्रतियोगिता का किसी प्रकार का कोई लीस्टिंग नही किया और जो कार्यक्रम मे एंकरिंग कर रही महिला ने अपने मर्जी का करती रही और दो दो मिनट मे संगीत ,डास और.क्लासिकल डास को खत्म करती रही और हद तो और बढ गई।
जब जो गायन के लिए आये प्रतिभागियों को रोमांटिक और देशभक्ति गाने ही गाने के लिए कहा जा रहा था और छत्तीसगढ़ी गीत के लिए मना करती रही साथ ही कुछ लोग ऐसे भी लोग है जो प्रतियोगिता मे भाग लिए है ओ 3 घंटे से खडे रहे और.अपने बारी का इंतजार करती रही मगर उनको मंच पर प्रस्तुति देने का मौका नही मिला जिसके कारण काफी नाराज रहे और निगम के व्यवस्था पर सवाल उठा रहे है वही पुष्प वाटिका मे प्रवेश.पर 10 रूपये का एंट्री ली जा रही थी लेकिन जैसे ही रसीद बुक खत्म हुई फिर दरवाजा खोल कर प्रवेश को निशुल्क कर दिया गया वही पूरे कार्यक्रम मे लोक कला को दर किनारा किया गया जिसके कारण करोड़ों रूपये के खर्च कार्यक्रम पर कला संगीत से जुडे सभी.लोग ने नगर निगम के इस कार्यक्रम पर मंच संचालन कर रही महिला और निगम प्रशासन पर सवाल खडा कर रहे है।