26 को दिल्ली और पंजाब की शादी, किसान भेज रहे हैं पूरे देश को न्योता… जाने पूरा मामला
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को मजबूत करने और रोचक बनाने के लिए लगातार नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। किसानों ने नई रणनीति के तहत 26 जनवरी को पंजाब और दिल्ली की शादी कराने की योजना बनाई है। इसके लिए किसानों ने बाकायदा शादी के कार्ड भी प्रकाशित किए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डरों पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च दिल्ली में निकालने का एलान किया है। इस मार्च में किसानों को शामिल होने के लिए बुलावा देने के लिए किसानों की ओर से शादी की तर्ज पर कार्ड बनाया गया है।
कार्ड शनिवार को सोशल मीडिया खूब वायरल हुआ। इस कार्ड में दूल्हे का नाम पंजाब सिंह एवं दुल्हन का नाम दिल्ली मरजानी रखा गया है। कार्ड पर न्योता संदेश में कहा गया कि जिस किसी भी किसान भाई ने बरात में शामिल होना हो वो अपने ट्रैक्टर ट्रॉली समेत आए, हर किसी को खुला बुलावा भेजा जाता है। इतना ही नहीं इस कार्ड में लिखा है कि बरात में शामिल होने वाले लोगों के लिए खुले भोजन का इंतजाम किया गया है। बरात चलने का समय 26 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 10 बजे है।
कृषि कानूनों के खिलाफ 45 दिनों से आंदोलन पर बैठे किसानों को फिर से सरकार के साथ वार्ता के लिए 15 जनवरी की तारीख मिली है। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 15 जनवरी की मीटिंग में तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी की मांग को ही रखा जाएगा। उन्होंने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि फैसला अब गर्मियों में जाकर होगा। किसानों के लिए कूलर के ऑर्डर दे दिए गए हैं। आंदोलन अब 2024 तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि कानून वापस नहीं होगा तो आंदोलन अब 2024 तक चलेगा। 26 जनवरी की परेड को लेकर कहा कि किसानों के ट्रैक्टर और जवानों के टैंक एक ही स्पीड में चलेंगे। टैंक कितनी स्पीड में चलते हैं उसका पता किया जा रहा है। 15 जनवरी को होने वाली मीटिंग लेने के हिस्सा लेने पर उन्होंने कहा कि रविवार को सिंघु बॉर्डर पर कमेटी की बैठक में आगे की रणनीति तय होगी।
राकेश टिकैत ने बताया कि 8 जनवरी की मीटिंग में केंद्रीय मंत्री ने किसानों से एक छोटी कमेटी बनाने की बात कही थी। जिसमें हो सकता है कि वह प्रधानमंत्री के साथ किसानों की बैठक कराएं। लेकिन अभी इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अब किसानों ने पक्के टेंट बना लिए हैं। तो हमें भी अब पक्का काम करना होगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि 15 जनवरी की बैठक में किसानों के लिए अच्छा हो सकता है। लेकिन 21 फरवरी के बाद से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। 26 जनवरी को दिल्ली जाने पर उन्होंने जोतिषी विद्या के साथ कहा कि 26 जनवरी का अंक 8 होता है जो उतार-चढ़ाव का होता है। अब उस दिन या तो गोली चलेगी या फिर किसान दिल्ली जाएगा।