VIDEO: खबर का असर: ITBP के जवानों द्वारा सागौन तस्करी मामले में DIG का तबादला, आदेश जारी
संवाददाता: कामिनी साहू
राजनांदगांव। सागौन की अवैध तस्करी को लेकर तोतलभर्री के ग्रामीणों कल 27 दिसंबर को आईटीबीपी के जवानों का गाड़ी सहित घेराबंदी कर पकड़ा था जिसके बाद मामला वन विभाग को सौंपा गया था।
वन विभाग ने मौके पर पंचनामा कर जांच की कार्यवाही शुरू की थीइसी बीच आज एक बड़ी खबर मिली है कि आईटीबीपी के डीआईजी को तत्काल प्रभाव से हटाए हुए उनका स्थानांतरण कर दिया गया है।
पूरा मामला:
कल 27 दिसंबर की रात्रि में 11 बजे के आसपास तोतलभर्री के ग्रामीणों ने सागौन की अवैध तस्करी कर रहे आईटीबीपी के जवानों को पकड़ा था. उसमें से एक गाड़ी (सीएच 01 जी ए 2444) में सागौन लठ्ठा, बल्ली 11 नग एवं 1 नग ठूठ मिला. जिस पर ग्रामीणों ने कार्यवाही की मांग करते हुए वन विभाग की टीम को बुलाया और आईटीबीपी के जवानों को घेरे रखा।
माहौल बिगड़ा देख स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। इस खबर को ‘भूपेश एक्सप्रेस’ न्यूज़ पोर्टल ने प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद आज आईटीबीपी महानिदेशालय से सं.1947011/2/2015/ कार्मिक -17799-820 जारी किया गया है जिसमें क्षेत्रीय मुख्यालय (बैंगलुरू) में पदस्थ छोटा राम जाट, उप महानिरीक्षक (जीडी) को प्रशासनिक कारणों के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से मुख्यालय उत्तर पश्चिमी फ्रंटियर, लेह में स्थानांतरित किया गया तथा 24 घंटे के भीतर कार्यमुक्त होने भी कहा गया है बता दें, यह आदेश ओपी यादव उप महानिरीक्षक (कार्मिक) द्वारा जारी किया गया है।
वाहन चालक का हुआ बयान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सागौन का अवैध परिवहन में संलिप्त वाहन चालक ने बताया कि कम्पनी के जवान द्वारा उन्हें बताया था कि कम्पनी कमांडर के निर्देश पर ठेकेदार के दिशा -निर्देश पर वाहन को लेकर जाना है जब वहां पहुंचा तो पता चला कि मामला सागौन का अवैध परिवहन करने का है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले का लिया संज्ञान में
इसी बीच यह जानकारी भी मिल रही है कि कल मुख्य वन सरंक्षक वित्त दुर्ग से श्रीमती शालिनी रैना के द्वारा इस मामले की जानकारी ली गई और डीएफओ संजय यादव को कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए थे। उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को संज्ञान में लेते ही सागौन तस्करों के नाक खड़े हो गए है
लंबे समय से चल रहा है सागौन तस्करी का काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिलेभर में सागौन तस्करी का काम लंबे समय से चले आ रहा है लेकिन छूटपूट कार्यवाही के बाद मामला ठंडे बस्तें में चले जाता है और फिर से सागौन की तस्करी शुरूकर दी जाती है। बड़ी कार्यवाही नहीं होने से सागौन तस्करों के हौसले हमेशा बुलंद नजर आते है।