डिजिटल क्रांती के युग में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जुझ रहे ग्रामीण,आजादी के बाद से इलाके में नही हुआ कोई विकास, पढ़े पूरी स्टोरी….
सूरजपुर– डिज़िटल युग मे शिक्षा से लेकर विकास की बाते आधुनिकता कि कल्पना को पुरा करता है।लेकिन सूरजपुर जिले का एक ऐसा इलाका जहां डिज़िटल इंडिया का कल्पना तो दुर मुलभुत सुविधाओ के लिए भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रो की आस आजादी के बाद से आज तक शासन प्रशासन पर टीकी हुई है।
दरअसल सूरजपुर जिले के ओङगी ब्लाक के दुरस्थ क्षेत्र बिहारपुर के दर्जनो गांव पहुंच विहिनता का दंश झेल रहे है। जहां बैजनपाठ ,लुल समेत कई गांव आज भी पानी बीजली सङक और शिक्षा जैसी मुलभुत सुविधाओ के अभाव मे परेशान है। गौरतलब है कि बैजनपाठ, लुल जैसे दर्जनो गांव के पुल पुलिया की हालत खराब है कच्ची पथरीली सङक से ग्रामिणो का चलना दुर्भर है। तो गांव मे शासकिय स्कूल भवन आज तक नही बना है। ऐसे मे स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर शासकिय राशन तक की ग्रामीण बाट जोह रहे है। लेकिन छत्तीसगढ गठन के बाद सूरजपुर जिले को अस्तित्व मे आए अब लंबा अरसा हो गया। लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस दोनो के शासन काल मे इन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र नजरो से ओझल रहा।
ऐसे मे शासन प्रशासन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो के उदासीनता पर केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह जमकर बरसी और सांसद और केन्द्रीय राज्य मंत्री होने के नाते भारत सरकार से ओङगी के इन पहुंचविहिन क्षेत्रो के विकास के लिए काम करने का दावा करते नजर आई।