December 23, 2024

VIDEO: राजीव भवन पहुँचा वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर, रखा गया अंतिम दर्शन के लिये

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rajiv bhawan

रायपुर। राजीव भवन में वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा की पार्थिव शरीर पहुँची। अंतिम दर्शन के लिये रखा गया। बता दें, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने श्रद्धांजलि दी। जल्द सीएम बघेल समेत मंत्रिमंडल के सदस्य श्रद्धांजलि देंगे।

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रायपुर स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कैबिनेट मंत्रियो और विधायको समेत कांग्रेस संगठन के नेताओ और कई कार्यकर्ताओं ने मोतीलाल वोरा के पार्थिव देह के अंतिम दर्शन करते हुए उन्हें
अपने नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद उनकी पार्थिव देह को दुर्ग स्थित उनके आवास के लिए रवाना कर दिया गया ।

कांग्रेस के बड़े नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को हो गया था। वह 93 वर्ष के थे। 2000 से 2018 तक यानी कुल 18 साल वह पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे थे। कांग्रेस में वह मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल समेत कई पदों पर रह चुके थे। 13 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक और 25 जनवरी 1989 से 9 दिसंबर 1989 तक दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद भी संभाला था।

1968 में प्रज्ञा समाजपार्टी के सदस्य रहे वोरा अविभाजित मध्य प्रदेश की दुर्ग म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य बने थे। 1970 में वह कांग्रेस में शामिल हुए थे। 1972 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद 1977 और 1980 में भी विधायक चुने गए। अर्जुन सिंह की कैबिनेट में पहले उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री रह चुके थे मोतीलाल वोरा। वह 1983 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे। 1981-84 के दौरान वे मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन का पद भी संभाला था।

मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर में पड़ने वाले निंबी जोधा में हुआ था। इसके बाद उनके परिवार वाले राजस्थान से मध्य प्रदेश आ गए। मोतीलाल वोरा की पढ़ाई छत्तीसगढ़ के रायपुर और कोलकाता में हुई। पढ़ाई पूरी करने के बाद वो पत्रकार बन गए थे।

पत्रकार रहते हुए मोतीलाल वोरा धीरे-धीरे राजनीति में एक्टिव हो गए। सबसे पहले उन्होंने प्रज्ञा समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। 1968 में दुर्ग से पार्षदी का चुनाव लड़ा और जीत भी गए। फिर इसके बाद वो 1972 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में किस्मत अजमाई यहां भी उन्होंने जीत दर्ज की थी।

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