किसान आंदोलन से बदल रही है हरियाणा की सियासी सुर, जाने विस्तार से
नई दिल्ली: हरियाणा की सड़कों पर डटे अन्नदाता के तीखे तेवरों से राज्य की राजनीति पल-पल करवट बदल रही है। कांग्रेस और इनेलो के पूरी तरह समर्थन में उतरने के बाद जजपा नेताओं के सियासी सुर भी बदले हैं। पार्षद, ब्लॉक समिति और जिला परिषद सदस्यों के इस्तीफों का सिलसिला लगातार जारी है। जजपा के जो विधायक पहले दबी जुबान में आंदोलन का समर्थन कर रहे थे, वे अब खुलकर सामने आ गए हैं। अब तक तीन निर्दलीय व तीन जजपा विधायक किसानों के हक में आवाज बुलंद कर चुके हैं।
जजपा विधायक जोगी राम सिहाग ने जहां चेयरमैन पद ठुकराया है, वहीं बेबाक विधायक राजकुमार गौतम ने रविवार को केंद्र सरकार को खरी-खरी सुनाई। जजपा विधायक अमरजीत ढांडा ने भी किसानों की मांगों का खुला समर्थन किया है। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू तो पहले से ही किसानों के समर्थन में थे, चेयरमैन का पद छोड़कर सोमबीर सांगवान ने चंद दिन पहले ही सरकार से समर्थन वापस लिया है। विधायक धर्मपाल गोंदर भी किसानों के आंदोलन को जायज ठहरा चुके हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि पहले किसान हैं, उसके बाद विधायक का पद।