सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को 5 अक्टूबर को पेश होने का दिया निर्देश
माल्या ने शीर्ष अदालत के नौ मई 2017 के उस आदेश पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें उसे न्यायिक आदेशों को दरकिनार कर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ अमेरिकी डॉलर हस्तांतरित करने पर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था।
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न्यायमूर्ति उदय यू. ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘हमें इस पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आता। पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है।’ पीठ ने कहा, ‘अब जबकि रिव्यू पिटिशन खारिज हो गई है, हम प्रतिवादी (माल्या) को 5 अक्टूबर, 2020 को दोपहर दो इस कोर्ट में पेश होने का निर्देश देते हैं और गृह मंत्रालय को भी निर्देश दिया जाता कि उस दिन इस न्यायालय के समक्ष उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करे।’
शीर्ष अदालत ने 27 अगस्त को पुनर्विचार याचिका पर दोनों पक्षों को सुना था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी माल्या फिलहाल ब्रिटेन में है।
शीर्ष अदालत ने 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की याचिका पर यह फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया था कि माल्या ने कथित रूप से विभिन्न न्यायिक आदेशों का ‘खुलेआम उल्लंघन’ कर ब्रिटिश कंपनी डियाजियो से प्राप्त चार करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के खातों में हस्तांतरित किए थे।