कोरोना बढ़ा देता है, ओसीडी के शिकार बच्चों और युवाओं की मुश्किलें
कोविड-19 संक्रमण ओसीडी, तनाव और अवसाद जैसी मानसिक परेशानियों के शिकार बच्चों और युवाओं की दिक्कतों को और बढ़ा सकता हैं। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्यनन के दौरान वैज्ञानिकों ने 7 से 21 साल के बच्चों और युवाओं के दो समूहों को एक प्रश्नवाली भेजी। अध्ययन में डेनमार्क के आरहुस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी शामिल थे। वैज्ञानिकों ने कहा कि एक समूह में शामिल लोगों की बाल और वयस्क मनोचिकित्सा केंद्रों में जांच की गई। इसमें वे ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर) से ग्रस्त पाए गए। इसके बाद सभी को एक अस्पताल में थेरेपिस्ट से मिलवाया गया। ओसीडी का शिकार व्यक्ति किसी बात को लेकर बेवजह भय महसूस करने लगता है। दूसरे समूह में मुख्य रूप से ऐसे बच्चे और युवा शामिल थे, जो कई साल पहले ओसीडी से ग्रस्त थे। डेनमार्क के ओसीडी एसोसिएशन के जरिये इनकी पहचान की गई थी।
अध्ययन के अनुसार 102 बच्चों ने प्रश्नावली का जवाब दिया। आरहुस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और अध्ययन के सह-लेखक पेर होव थॉमसन ने कहा कि अनुभव किया गया कि कोविड-19 जैसे संकटों के दौरान उनके ओसीडी, तनाव और अवसाद के लक्षणों ने विकराल रूप धारण कर लिया। दूसरे समूह में शामिल बच्चों और वयस्कों की दिक्कतों में अधिक इजाफा हुआ था। इस समूह में 73 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बताया कि उनकी स्थिति खराब हो गई थी, जबकि 43 प्रतिशत ने जवाब दिया कि उनमें अवसादग्रस्तता के लक्षण बढ़ गए थे।