कमिश्नर ने की शिक्षा विभाग के काम-काज की समीक्षा,आरटीई के तहत प्रवेश में रोड़ा अटकाने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने दिए निर्देश,बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम सुधारने की रणनीति पर की चर्चा
बिलासपुर – संभागायुक्त महादेव कावरे ने अधिकारियों की बैठक लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने आरटीई के तहत दाखिला के रद्द किये गये आवेदनों का एक बार फिर परीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी एवं निजी स्कूलों के खिलाफ गरीब बच्चों के प्रवेश प्रक्रिया को ठुकराने की शिकायत मिलते रहती है। उन्होंने गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा से वंचित करने वाले शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता रद्द करने और भारी जर्माना लगाने के निर्देश भी दिए हैं। बैठक में संयुक्त संचालक शिक्षा आरपी आदित्य सहित संभाग के सभी आठों जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।
कावरे ने स्कूल शिक्षा विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में गुणवत्ता अपेक्षित नहीं पाई गई। इसलिए गुणवत्ता में सुधार करने और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने 10 वीं और बारहवीं बोर्ड के परिणाम सुधारने की रणनीति पर चर्चा की। गुणवत्ता बढ़ाने ब्लू प्रिन्ट का पालन करने पर जोर दिया। मार्च के प्रथम सप्ताह में बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली है। उन्हेांने 10 जनवरी के पहले पेरेन्ट्स-टीचर मीटिंग आयोजित करने के निर्देश दिए। कक्षा पांचवी एवं आठवीं परीक्षा की तैयारी की जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दिए। संयुक्त संचालक ने बताया कि कमजोर बच्चों को पांचवी एवं आठवीं में फेल भी किया जा सकता है। पहले ऐसा नियम नहीं था। छात्र दुर्घटना बीमा योजना में आवंटन की कमी की जानकारी मिलने पर डीपीआई को डीओ लेटर भिजवाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि छात्र बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्य हो जाने पर परिवार को एक लाख रूपये तक आर्थिक मदद मिलती है। मध्यान्ह भोजन योजना के तहत मेनू का पालन करने को कहा है। भोजन पकाने के लिए सभी स्कूलों को सिलेण्डर दिया गया है, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। लोगों और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग लेकर इनका उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। संयुक्त संचालक ने सभी पात्र बालिकाओं को साईकिल वितरित करने, गणवेश और किताब शतप्रतिशत उपलब्ध करा देने की जानकारी बैठक में दी। संभागायुक्त ने स्कूल परिसरों में तम्बाकू निषेध नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करने और कराने के निर्देश दिए। तम्बाकू मुक्त परिसर घोषित होने का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए। बैठक में एजेण्डा के अनुरूप लंबित पेंशन प्रकरण, अनुकम्पा नियुक्ति एवं लम्बे समय से अनुपस्थित कर्मचारियों पर कार्रवाई की समीक्षा भी की गई।