रायपुर दक्षिण में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिया तीन जनसभाएं,पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने पुरानी बस्ती में जनसंपर्क एवं श्याम नगर में जनसभा को संबोधित किया
रायपुर- रायपुर दक्षिण विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन जनसभाये, चंगोराभाठा, कुशालपुर एवं सिविल लाईन में किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पुरानी बस्ती में जनसंपर्क किया तथा सिविल लाईन वार्ड श्याम नगर में जनसभा को संबोधित किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दक्षिण उपचुनाव को लेकर 13 तारीख को वोटिंग होना है 13 तारीख को जब वोट होगा तो दक्षिण विधानसभा को नया विधायक मिलेगा। क्योकि 34 साल से एक विधायक ही जीतता रहा और कुछ काम नहीं हुआ। लेकिन जनता अब बदलाव चाहती है इस बार बदलाव का लहर चल चुका है और इस बदलाव के लहर को दुनिया की ताकत नही रोक सकती। आप सभी का आर्शीवाद कांग्रेस पार्टी के लिये है। 10 महीने हुये इस सरकार को लेकिन छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ बन गया है। बस्तर से लेकर सरगुजा तक और रायपुर अपराध का गढ़ बन गया है। रायपुर में दिन दहाड़े गोली चलती है और बलौदाबाजार में कलेक्टर और एसपी आफिस जला दिये गये। कलेक्टर और एसपी दरवाजे के पीछे से भाग जाते है। कवर्धा के लोहारीडीह में तीन साहू समाज के लोगों की हत्या हो जाती है। एक को फांसी में टांगकर मार दिया जाता है उनकी बेटी कहती है कि यह हत्या है और सरकार कहती आत्महत्या है। यह घटना सरकार की लापरवाही को उजागर करती है। सूरजपुर में जिला बदर व्यक्ति दिन दहाड़े हत्या करके चला जाता है बलरामपुर में पुलिस की पिटाई से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है और कह रहे थे कि बाथरूम में फांसी लगा लिया ऐसी हो ही नही सकता। पुलिस प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। सरगुजा में दिन दहाड़े लूट हो जाता है और मुख्यमंत्री के गृह जिला जशपुर में गोली चलता है और प्रदेश का सबसे बड़ा जेल रायपुर सेन्ट्रल जेल के पास गोली चलता है यह सरकार का हाल है। दीपावली के 5 दिन के अंदर 9 हत्या हो जाता है। बस्तर से पढ़ने आये छात्र की चाकू मारकर हत्या हो जाता है। रायपुर सुरक्षित नही है, रायपुर अपराध का गढ़ बन चुका है। सबसे जरूरी यह है कि अपराध को रोकना है और आपका एक-एक वोट अपराध के खिलाफ होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि यह उपचुनाव बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा देने के कारण हो रहा है। पहले वह भारतीय जनता पार्टी के मंत्री थे और भाजपा को बर्दाश्त नहीं हुआ तो मंत्री पद से हटा के लोकसभा का टिकट दे दिया और वह मंत्री पद से भी इस्तीफा नहीं देना चाहते थे लेकिन भाजपा के अंदर जो अन्दरूनी लड़ाई चल रहा है जिसके चलते वह मजबूरी में बृजमोहन अग्रवाल को इस्तीफा देना पड़ा और बृजमोहन अग्रवाल को सांसद बना के केन्द्र में भेज दिया गया। जिसके बाद यह दक्षिण विधानसभा का सीट खाली हुआ और वहां फिर से उपचुनाव हो रहा है। भाजपा के बहुत से नेता टिकट का मांग कर रहे थे। सबको दरकिनार कर के जो सबसे निष्क्रिय है जो कभी महापौर, कभी सांसद के लिये फिट कर देते है जो कोई काम के नहीं है उनको प्रत्याशी बना के भारतीय जनता पार्टी ने भेज दिया है। जब वह सांसद थे तब वह एक भी पैसा का काम नहीं किया और जब वे महापौर थे तब भी कोई उपलब्धि नहीं हुई। जो हाल प्रत्याशी के है वैसी ही हाल अभी सरकार के भी है।