केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने छत्तीसगढ़ में कोरोना की परिस्थिति एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार के विषय में की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
रायपुर : आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव से कोविड उपयुक्त व्यवहार के विषय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन ने कहा कि हम पिछले 10 महीनों से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं, इस दिशा में सरकार लगातार सुधार करते हुए आगे बढ़ रही है। अनलॉक की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज 2056 लैब्स और 10-15 लाख की टेस्टिंग क्षमता के साथ हम लगभग 12 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट करने में सफल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के विषय पर उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में लापरवाही की वजह से कोरोना के प्रकरण बढ़े हैं। दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, जांजगीर-चांपा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि त्योहारों के मौसम में हमें विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, अगले वर्ष की प्रथम तिमाही में वैक्सीन का अनुमान लगाते हुए उन्होंने लोगों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को कार्ययोजना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
पारदर्शिता और जागरूकता हमारी प्राथमिकता है, मृत्यु दर कम करने एवं वैक्सीन डिलीवरी के लिए कार्ययोजना है तैयार। : स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव
जिलेवार समीक्षा का उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि सितम्बर-अक्टूबर महीनों की अनलॉक की प्रक्रिया शरू होने की वजह से कोरोना के प्रकरण बढ़े हैं, प्रदेश के वह जिले जो भौगोलिक स्थिति के कारण अन्य राज्यों के संपर्क में रहते हैं वहाँ लोगों के आवागमन से कोरोना संक्रमण का प्रसार हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक अंतरराज्यीय सीमाएं सील रहीं हैं उस समय तक छत्तीसगढ़ के विभागीय अधिकारियों ने बेहतर प्रदर्शन कर कोरोना के प्रसार को नियंत्रित रखा लेकिन अनलॉक के उपरांत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, विद्यार्थियों एवं तबलीगी जमात जैसे टारगेट ग्रुप धूमिल होने के उपरांत 7,20,000 प्रवासी मजदूर प्रदेश लौटे जिनके लिए हमनें आइसोलेशन केंद्र बनाये और संक्रमण के प्रसार को रोकने का कार्य किया इसके साथ ही आवागमन बढ़ने की वजह से संक्रमण का प्रसार भी तेजी से बढ़ा है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना से हुई मृत्यु के जो आँकड़े हमारी रिपोर्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं, उन्हें पारदर्शिता से हम अपनी रिपोर्ट में जोड़ रहे हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के 3 प्रमुख सँभाग रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर पर ध्यान देकर उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में अन्य जिले के लोगों का आवागमन ज्यादा है जिस वजह से इन क्षेत्रों में कोरोना के केसेस ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। दुर्ग में 1.68% रायपुर में 1.45% बिलासपुर में 0.98% सरगुजा में 0.67% और बस्तर में 0.59% की मृत्यु दर का अंतर यह स्पष्ट करता है कि अधिक आबादी, सीमावर्ती संभाग और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मअन्य राज्य के लोगों का इन क्षेत्रों में आना बढ़ते आंकड़ों की प्रमुख वजह हो सकती है।
कोरोना टेस्टिंग-वैक्सीन एवं कोरोना उपयुक्त व्यवहार के विषय पर गंभीरतापूर्वक कार्य कर रही है सरकार
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने की दिशा में भी हमनें निरंतर कार्य किये हैं, संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी की यह भी एक प्रमुख वजह हो सकती है, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यशैली पर विश्वास व्यक्त करते उन्होंने कहा कि कोरोना की रिकवरी दर हर परिस्थिति में 97% के करीब रहेगी। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण में ऑक्सिजन की उपलब्धता को गंभीरता से लेकर सरकार न प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन यूनिट स्थापित किये हैं, हर जिले में ट्रुनेट पद्धति से जाँच एवं मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की है, उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सीजीएमएससी की टीम सराहनीय कार्य कर रही है एवं हमारा प्रयास है कि मृत्यु दर को कम करने और वैक्सीन की डिलीवरी में हम बेहतर कार्य कर प्रदेश की जनता को निराश नहीं करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने कोविड उपयुक्त व्यवहार के विषय पर कहा कि हमारी सरकार और स्वास्थ्य विभाग निरंतर कार्य कर रहा है, जिसमें हैंड-हाइजीन, मास्क, सामाजिक दूरी आदि की महत्वता लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इसके साथ ही कोविड वैक्सीन को लोगों तक पहुँचाने के लिए विभाग ने 570 केंद्र चिन्हांकित कर लिए हैं एवं 50 अन्य केंद्रों के लिए हम कार्य कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि तकरीबन 70,000 मितानिन बहनों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों के समग्र प्रयास से हम कोरोना वैक्सीन की सन्तोषजनक तरीके से डिलीवरी करेंगे।
इस विषय ओर चर्चा करते हुए पारदर्शिता पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन शाम को 3 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित करती है जिसमें कोरोना के प्रकरण, मृत्यु की संख्या, स्थान आदि विस्तृत रूप से उल्लेखित रहती है लेकिन दुर्भाग्यवश प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच हुए दुष्प्रचार और जागरूकता की कमी से लोगों ने लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया जिसकी वजह से प्रदेश की मृत्यु दर में इज़ाफ़ा हुआ है। इस बढ़ती दर को गंभीरता से लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 02 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक घर-घर जाकर लोगों के लिए जागरूकता अभियान संचालित किया लेकिन आइसोलेशन को लेकर भ्रामक प्रचार के डर से लोगों का अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं हुआ, जिसके उपरांत सरकार ने होम आइसोलेशन को प्राथमिकता देकर म निःशुल्क दवाएं, 24/7 स्वास्थ्य सलाहकार, डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जिसके मिश्रित परिणाम हमें रिपोर्ट्स के माध्यम से देखने को मिले हैं।