नियद नेल्लानार योजना का दिखा असर, सुकमा में 1-1 लाख के 2 ईनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’’ एवं ‘‘ नियद नेल्लानार’’ योजना के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैम्प स्थापना से मिलने वाली सुरक्षा, सुविधा व विकास से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन, खोखली विचारधारा, नक्सलियों द्वारा किए जाने वाले शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा किए जाने वाले भेदभाव एवं स्थानीय आदिवासियों के साथ होने वाली निर्मम हिंसा से त्रस्त होकर प्रतिबंधित नक्सल संगठन में सक्रिय 02 नक्सिलयों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में क्रमशः 01. प्रकाश उर्फ पोड़ियाम देवा पिता हुंगा (लखापाल पंचायत मिलिशिया कमाण्ड इनचीप ईनाम 01 लाख छ0ग0 शासन द्वारा) उम्र लगभग 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी तोंगगुड़ा एर्रापारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा (छ0ग0), 02. माड़वी हांदा पिता सुक्का (लखापाल पंचायत डीएकेएमएस अध्यक्ष ईनाम 1 लाख छ0ग0 शासन द्वारा) उम्र लगभग 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी तोंगगुड़ा एर्रापारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा (छ0ग0) के द्वारा नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में भास्कर भट्टाचार्य, उप कमाण्डेन्ट।
02 री वाहिनी सीआरपीएफ, सपन चौधरी, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स/डीआरजी सुकमा एवं निरीक्षक सुजीत कुमार, 223 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल की टीम एवं 223 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है।
इन वारदातों में थे शामिल
दोनों आत्मसमर्पित नक्सली नक्सल संगठन में विगत 14-15 वर्षों से जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोद कर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’’ के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।