December 23, 2024

आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती, शिशुवती व बच्चों को खिलाई जाएगी शरद पूर्णिमा की खीर

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आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती, शिशुवती व बच्चों को खिलाई जाएगी शरद पूर्णिमा की खीर

दुर्ग, 30 अक्टूबर 2020। इस वर्ष शरद पूर्णिमा आज 30 अक्टूबर को मनाई जा रही है। शरदपूर्णिमा की रात खीर बनाकर अस्थमा रोगियों को खिलाने की प्रथा से तो सब परिचित है वहीं खीर खाने से कई तरह की  बीमारियों से भी बचाता है।

परंपरा के अनुसार शरद पूर्णिमा को रातभर चांदनी के नीचे चांदी के पात्र में रखी खीर सुबह खाई जाती है। ऐसा माना जाता है यह खीर शरीर में पित्त का प्रकोप कम करती है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मी को शांत करती और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। यह पेट को ठंडक पहुंचाती है। श्वांस के रोगियों को इससे फायदा होता है और आंखों की रोशनी के लिए भी फायदेमंद होती है। इन्ही फ़ायदों को देखते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को खीर खिलाई जाएगी|

दुर्ग ग्रामीण परियोजना क्षेत्र की रसमड़ा सेक्टर की महिला पर्यवेक्षक शशि रैदास ने बताया शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर सुबह आंगनबाड़ी केंद्रों में हितग्राही बच्चों व महिलाओं को खिलाई जाएगी। मोहलाई आंगनबाड़ी केंद्र की  कार्यकर्ता यमुना साहू ने  बताया , पोषण से जुड़े सभी गतिविधियों और त्यौहारों को जागरुकता से जोड़ते हुए मनाते हैं। इससे पारंपरिक त्यौहारों का स्वास्थ्य के लिए होने वाले महत्व की जानकारी भी आसानी से प्रदान की जाती है। शरद पूर्णिमा पर खीर का वितरण आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती माताओं, शिशुवती महिलाओं व बच्चों को भी किया जाएगा।

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. पूर्णेश कुमार साहू का कहना है कोरोना वायरस से लड़ने के लिए खीर का सेवन शरीर के लिए लाभकारी होता है। आयुर्वेद के अनुसार पित्त प्रकोप से लगभग चालीस प्रकार के रोग होते हैं जैसे- अम्ल पित्त,रक्ताल्पता, सिकल सेल एनीमिया जैसे रोग पित्त की विकृति से होते हैं। वर्षा ऋतु में मौसम जनित रोग डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर भी पित्त जनित होते हैं। शरद ऋतु की खीर से इन बीमारियों से बचा जा सकता है।  

डॉ. पूर्णेश बताते हैं पित्त को नियंत्रित रखना खान पान पर निर्भर करता है। हमारी परंपराओं व पर्व में खीर खाना इस मौसम में अनिवार्य हो जाता है। वास्तव में खीर खाने से पित्त का शमन होता है। वर्षा ऋतु के बाद जब शरदऋतु आती है तो आसमान में बादल व धूल के न होने से कड़क धूप पड़ती है जिससे शरीर में पित्त कुपित होता है। इस समय गड्ढों आदि में जमा पानी के कारण बहुत बहुत सी बीमारी होने का डर रहता है। उन्होंने बताया  खीर विशेष ठंडक पहुंचाती है। गाय की दूध से बनी हो तो विशेष गुणकारी होती है।

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