अस्पताल में भ्रष्टाचार, जन्म प्रमाण पत्र देने अस्पताल के कर्मचारी महिला से मांग रहे पैसे, पिछले पांच साल से महिला लगा रही हॉस्पिटल के चक्कर
जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार किस कदर हावी हो चुका है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि एक महिला अपनी बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र पाने पिछले पांच साल से भटक रही है,लेकिन अस्पताल के कर्मी पैसे देने के बाद ही जन्म प्रमाण पत्र देने की बात कह रहे है। भैषमा के आमापाली गांव में रहने वाली महिला जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिलने से काफी परेशान है,क्योंकि उसकी बच्ची का स्कूल में दाखिल नहीं हो पा रहा ह। इस मामले को प्रबंधन ने काफी गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दे दिए है।
जिला अस्पताल में बुरी तरह से बिलख रही इस महिला का नाम उमा है। उमा भैषमा केद ग्राम आमापाली में निवास करती है। उमा की परेशान की वजह ये है,कि उसे उसकी बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। जिला अस्पताल के कर्मचारी पांच सौ रुपयों की मांग कर रहे हैं,जिसके बाद ही उसे जन्म प्रमाण पत्र दिए जाने की बात कही जा रही है। अर्थिक रुप से कमजोर उमा पैसे देने में अक्षम में यही वजह है,कि अस्पताल के कर्मी उसे पिछले पांच साल से घुमा रहे है। जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण उसकी बच्ची का दाखिल स्कूल में नहीं हो पा रहा है।
वर्ष 2018 में उमा का प्रसव जिला अस्पताल में हुआ,जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची की जन्म के पश्चात वह जन्म प्रमाण पत्र लेना भूल गई थी अब जब स्कूल के दाखिले के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ रही है,तो उसे घुमाया जा रहा है। बहरहाल मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जांच के आदेश दे दिए हैं,जांच के बाद ही मामले में कार्रवाई संभव हो सकेगी।