फुलझर में भागवत कथा का समापन, पं देवेन्द्र तिवारी ने बताया गीता का संदेश का सार
राजिम के निकटवर्ती ग्राम फुलझर घटारानी में तारक परिवार द्वारा भागवत कथा आयोजन के समापन दिवस गीता का संदेश का वर्णन करते हुए कथाकार पं देवेन्द्र तिवारी ने बताया कि इसमें 700 श्लोकों में वर्णित गीता में प्रमुख रुप से चार पाठक हैं, धृतराष्ट्र, संजय, अर्जुन और भगवान श्री कृष्ण, जो कौरव पाण्डवों के बीच चल रहे महाभारत युद्ध होने के पूर्व अर्जुन को पारिवारिक मोह को दूर करने ज्ञान और अध्यात्मिक चेतना लाने कुरुक्षेत्र रण भूमि में कहीं है।
उन्होंने गीता सार अंतर्गत बताया कि मानव जीवन नष्ट वान है शरीर पांच तत्वों में निर्मित होने पर भी सदैव अमर नहीं रहता। केवल आत्मा ही अजर अमर रहता । जिसे शस्त्र भेद सकता है न ही अग्नि जला सकती है न ही हवा शोषित कर सकती है।अतः हम जीवन का मोह नकारते हुए अच्छे कर्म करते हुए जीवन को सफल बनाना चाहिए।
ग्राम फुलझर में तारक परिवार और ग्राम वासियों के तत्वावधान में इस आयोजन में आसपास के जनमानस बड़ी संख्या में पहुंचकर कथा श्रवण लाभ लिया जिसमें धमतरी राजनांदगांव दुर्ग रायपुर महासमुंद बालोद बिलासपुर जिला सहित अंचल के ग्राम धुरसा कसेरुडीह मुरमुरा जमाही छुईहा सहसपुर तरीघाट सहसपुर लोहरसी आदि ग्राम शामिल हैं। इसमें चैतू तारक बृजलाल सिन्हा जोहत राम सिन्हा समुन्दा सिन्हा जगदीश राम मंदिर पुजारी सुमिरन गिरि गोस्वामी गोपाल राम साहू सुखनंदन साहू कवल राम साहू संतोष दीवान भागी राम दीवान नंदकुमार ध्रुव मोहन लाल साहू समेत आयोजक तारक परिवार से ईश्वर तारक जमुना तारक गुलेल राम कुंती बाई फुलेल राम गंगा बाई हरिश्चंद्र रितु बाई हिच्छा राम नीरु बाई रामाधार गायत्री बाई महेश राम सावित्री तारक विरेन्द्र कुमार देवानंद तारक आदि की उपस्थिति और सहयोग मिल रही है। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन विधिवत ब्यास पूजा वेदीय पूजा भागवत परायण पं लक्ष्मी नारायण तिवारी और महराज श्री गोस्वामी जी द्वारा किया गया।