विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश, छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय हुई एक लाख 33000, जीडीपी 8 प्रतिशत से ज्यादा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मंत्री अमरजीत भगत ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मंत्री अमरजीत भगत ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय हुई एक लाख 33000 हो गई है। पिछले साल की तुलना में 10.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ की जीडीपी 8 प्रतिशत है, जोकि भारत की राष्टीय जीडीपी 7 प्रतिशत से 1 प्रतिशत ज्यादा है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि 5.93 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र की वृद्धि 7.83 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र की वृद्धि 9.29 प्रतिशत दर्ज की गई।
इससे पहले भाजपा विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान व्यवस्था को लेकर हंगामा मचाया। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रश्नकाल के दौरान मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा रोका-टोकी और उद्योग मंत्री की मौजूदगी में दूसरे मंत्री के जवाब दिये जाने पर विधानसभा उपाध्यक्ष से व्यवस्था का आग्रह किया। विधायक शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर ने बृजमोहन का समर्थन किया।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, आपकी व्यवस्था आनी चाहिए कि जो विभागीय मंत्री मौजूद है। क्या उनकी उपस्थिति में दूसरा मंत्री जवाब दे सकता है। संसदीय इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। प्रश्नकाल के दौरान मंत्री-विधायक डिस्टर्बेंस करते है। विपक्ष के अधिकारों का हनन हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- सदन के वरिष्ठ सदस्य ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया है। छग विधानसभा की पूरी गरिमा का सब स्वागत करते हैं। दुर्भाग्य है कि यहां की गरिमा को सुनियोजित तरीके से गिराया जा रहा है। सदन को वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रश्नकाल के दौरान बाधित करने का काम किया है।
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, कल से आसंदी के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है। इस पर विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा, पूर्ववर्ती व्यवस्था को देखकर व्यवस्था दूंगा। इसे लेकर बीजेपी विधायकों के व्यवस्था के प्रश्न पर सदन में हंगामा किया।
बिलासपुर में एम्स खोलने की मुद्दा गूंजा
बिलासपुर में एम्स खोलने की मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि बिलासपुर में एम्स के लिए राज्य शासन ने क्या कार्यवाही की। स्वास्थ्य मंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
मंत्री ने जवाब देते हुए कहा बिलासपुर में एम्स के लिए नई दिल्ली को पत्र लिखा जा चुका है। एम्स की स्थापना बड़ा कठीन निर्णय है। बहुत से ऐसे राज्य है जहां एक भी एम्स नहीं है। पहली प्राथमिकता तो ये होगी कि दूसरे एम्स की ज़रूरत कहा है, तो पहला विकल्प बस्तर और दूसरा सरगुजा आया था। छत्तीसगढ़ एम्स को लेकर अभी फ़िलहाल भारत सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। दूसरे एम्स को बिलासपुर में स्थापित करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।