कांग्रेस अधिवेशन पर प्रेस कांफ्रेस : जयराम रमेश बोले- ‘भारत अब मदर ऑफ डेमोक्रेसी नहीं, यहां स्थिति मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी की है’…
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने प्रेसवार्ता कर अधिवेशन की जानकारी देते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा है
रायपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने प्रेसवार्ता कर अधिवेशन की जानकारी देते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. जयराम रमेश ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा बौखलाई हुई है. भाजपा की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी पर कटाक्ष किया गया. भारत जोड़ो यात्रा असर भाजपा पर साफ दिख रहा है. भाजपा की बौखलाहट अभी भी दिख रही है.
अधिवेशन से जुड़े नेताओं के ऊपर ईडी के छापे पड़े हैं. मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया गया. मोदी सरकार न्यायपालिका को धमकाने में लगी है, लेकिन टाइगर अभी जिंदा है.
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि, 24 फ़रवरी को सुबह 10 बजे स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होगी. शाम चार विषय समिति की बैठक होगी. 25 तारीख़ को राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर प्रस्ताव लाया जाएगा. 26 तारीख़ को किसान कल्याण, युवा, रोज़गार, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण पर चर्चा होगी.
आगे जयराम रमेश ने छापे पर कहा, यह प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति की जा रही है. ईडी मोदी सरकार के पास एक हथियार है अपने विपक्षियों पर हमेशा चलाने के लिए. इतना ही नहीं भारत जोड़ो यात्रा से बीजेपी बौखलाई हुई है. यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुआ, लेकिन उनकी परेशानी और घबराहट नहीं गई. 20 तारीख़ को छत्तीसगढ़ के हमारे नेताओं के घरों में ईडी के छापे हुए. अधिवेशन को डी रेल करने की कोशिश की गई. मोदी सरकार के उत्पीड़न की एक और मिसाल पवन खेड़ा की गिरफ़्तारी से सामने आई. खेड़ा के ख़िलाफ़ तीन एफ़आईआर दर्ज की गई. बीजेपी को कुछ कहने पर असम के मुख्यमंत्री सक्रिय हो जाते हैं. जिग्नेश मिवाड़ी पर ऐसा ही एफ़आईआर दर्ज किया गया था और अब पवन खेड़ा पर दर्ज की गई है.
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि, हमारी न्यायपालिका अब भी उम्मीद की ज्योति बनी हुई है. टाइगर अभी ज़िंदा है. ये सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दिखाई पड़ा. मोदी सरकार न्याय पालिका को धमकी देने में लगी हुई है. पिछले कुछ महीनों में जी 20 के संदर्भ में प्रधानमंत्री अलग अलग जगहों पर जा रहे है. बैनर पोस्टर लगे हैं लिखा है कि इंडिया इज मदर ऑफ डेमोक्रेसी, लेकिन असल में स्थिति मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी की है.
जब हम पार्लियामेंट में कुछ कहते हैं तो उसे रिकॉर्ड से हटाया जाता है और जब बाहर कुछ कहते हैं तब धमकाया जाता है. संसद के पंद्रह दिनों में हमने अदाणी मामले में 45 सवाल पूछे हैं. तीन दिन अधिवेशन के बीतने के बाद हम और सवाल पूछेंगे.
सरकार बुरी तरह फंसी है. प्रधानमंत्री की ख़ुद इसमें भूमिका हैं. एलआईसी जैसे संस्थानों को अदाणी की कंपनी में निवेश करने के निर्देश दिए गए हैं.
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि, कांग्रेस जो कहती है वो करती है. ईडी के मामले सिर्फ कांग्रेस पार्टी मुखर होकर बोल रही है. अडानी मामले में कांग्रेस ही पीएम मोदी से लगातार सवाल कर रही है. देश में आज अघोषित आपातकाल की स्थिति है.
इससे पहले गुजरात में जीएसपीसी घोटाला हुआ था. बीस हजार करोड़ रुपये का घोटाला था. सार्वजनिक कंपनी पर दबाव डाला गया था कि इसे खरीदो. सीएजी ने इस पर सवाल उठाया था. ओएनजीसी को जबरदस्ती इसे खरीदने का दबाव बनाया गया था.
सभी जानते हैं कि, 2014 से मोदी सरकार जो निजीकरण करवा रही है. उसमें एक ही कंपनी को फ़ायदा पहुंचा है. एयरपोर्ट, बंदरगाह का निजीकरण कैसे एक ही कंपनी ने किया. ये असंभव है कि मोदी सरकार को इसकी जानकारी नहीं थी.
कांग्रेस पार्टी उदारीकरण, उद्यमशीलता के पक्ष में है लेकिन हम पूंजीवाद, मित्रवाद के ख़िलाफ़ है. अगर प्रधानमंत्री-गृहमंत्री सोच रहे हैं कि ईडी के छापे से, प्रवक्ता पर एफ़आईआर दर्ज करने से सवाल उठाना बंद होगा तो वे गलतफहमी में हैं.
हम संगठन में चुनाव के पक्ष में हैं. अगर स्टीयरिंग कमेटी में चुनाव कराने का जिक्र होगा तो हम आगे बात करेंगे. देश में ऐसी कोई पार्टी नहीं है जहां संगठन में निष्पक्ष चुनाव समिति है. विपक्ष की एकता मजबूत है. 2022 में सत्रह विपक्षी दलों ने पीएमएलए का संशोधन आया है, वह गलत है.
युवाओं की संगठन में अधिक भागीदारी के मुद्दे पर जयराम रमेश ने कहा कि, पार्टी में संविधान संशोधन के लिए एक अलग समिति है. समिति में चर्चा के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा.
आगे जयराम रमेश ने कहा, विपक्ष की एकता मज़बूत करने में हम अपनी भूमिका जानते हैं. सशक्त कांग्रेस के बिना विपक्ष की मजबूती नहीं हो सकती. सशक्त कांग्रेस से ही विपक्ष की भूमिका प्रभावशाली होगी. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना है. अभी इस पर और बातचीत करने की जरूरत है. अभी 2023 में कई राज्यों में चुनाव हैं. इसके बाद 2024 में चुनाव होने है. अभी तो हमें 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करनी है.