आरक्षण पर सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, बोले- राज्यपाल हस्ताक्षर करना नहीं चाहती… आरक्षण बिल विधानसभा का है, मुख्यमंत्री का नहीं….
छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक का मुद्दा गरमाया हुआ है
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक का मुद्दा गरमाया हुआ है। आरक्षण मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहती। वे अनिश्चितकाल के लिए बिल को लटकाए रखना चाहती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल बीजेपी के इशारे पर बिल रोक रही हैं। सीएम बघेल ने कहा, राज्यपाल का विधिक सलाहकार बीजेपी के एकात्म परिसर में बैठता है।
भेंट मुलाकात के लिए साजा विधानसभा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हेलीपैड पर मीडिया से बातचीत की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि आरक्षण बिल विभाग तैयार करता है। कैबिनेट में प्रस्तुत होता है और कैबिनेट के अप्रूवल पर विधानसभा में एडवाइजरी कमेटी के सामने रखा जाता है। उसके बाद फिर विधानसभा में उसकी चर्चा होती है। जहां तक के आरक्षण की बात है सारी प्रक्रिया पूरी की गई और विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। ये सिर्फ मुख्यमंत्री के बीच से नहीं हुआ है, ये विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ है। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि 15 साल मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह कहते हैं, मुख्यमंत्री के बीच से पास हुआ। ऐसा नहीं है , ये विधानसभा से पारित हुआ है। ये बिल है विधानसभा का है, मुख्यमंत्री का नहीं है।
इसके साथ ही कायम भूपेश बघेल ने कहा कि एक भी बीजेपी नेता ने राज्यपाल से हस्ताक्षर के लिए नहीं कहा। आगे सीएम ने कहा, ये विधिक सलाहकार है ये कौन है?…विधिक सलाहकार एकात्म परिसर में बैठते हैं। और राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में हस्ताक्षर नहीं कर रही। मेरे अधिकारियों ने कहा कि उनको अधिकार ही नहीं है। फिर भी पौने तीन करोड़ जनता के हित में ध्यान में रखते हुए, मैने पत्र में 10 सवालों का जवाब भेजवा दिया। अब पता चल रहा है कि इसमें फिर से वो सवाल निकालेगें। फिर जवाब भेजा जाएगा। कुल मिलाकर राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करना है। नहीं करना है तो वापस करें बिल। उनके अधिकार क्षेत्र में क्या है, उनके अधिकार क्षेत्र में बिल यदि उचित नहीं लगता तो उनको वापस करें सरकार को।