अभी जेल में ही रहेंगे IAS समीर बिश्नोई, जमानत याचिका खारिज, ED ने इन वजहों पर दर्ज कराई आपत्ति
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और कोयला घोटाले में ईडी की गिरफ्त में आकर पिछले करीब एक महीने से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई की जमानत याचिका बुधवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दी।
रायपुर। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और कोयला घोटाले में ईडी की गिरफ्त में आकर पिछले करीब एक महीने से रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई की जमानत याचिका बुधवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दी। बिश्वनोई की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने जमानत याचिका लगाई थी।विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने इस पर सुनवाई शुरू की को ईडी के अधिवक्ताओं ने जबरदस्त विरोध किया।इसके आधार पर कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
विशेष न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार निलंबित आईएएस समीर बिश्वनोई की ओर से विशेष अदालत में यह तर्क दिया गया कि मूल अपराध में बतौर आरोपित मेरा (समीर बिश्वनोई) का नाम नहीं है।साथ ही मूल अपराध कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी व सहयोगियों के खिलाफ अपराध दर्ज है।इस मामले की विवेचना पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
ईडी ने इन वजहों पर दर्ज कराई आपत्ति
बिश्वनोई की जमानत याचिका का विरोध ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने करते हुए अदालत से कहा कि आरोपित समीर बिश्वनोई के पास से सोना,हीरे के आभूषण आदि जब्त हुए है। पीएमएलए की धारा 50 के तहत कथन में बिश्वनोई यह बताने में असफल रहे है कि इन संपत्तियों और उन्हें हासिल करने का ब्यौरा क्या है। समीर बिश्वनोई ही वह मुख्य व्यक्ति है जिसने डीओ की प्रक्रिया को आनलाइन से मैन्युअल कर दिया जिससे घोटाला हो पाया।विशेष अदालत ने इस मामले में ईडी के तर्को से सहमत होते हुए यह कहते हुए कि अपराध गंभीर प्रकृति का है,आरोपित की संलिप्तता स्पष्ट दिख रही है,ऐसे में आरोपित समीर बिश्वनोई की जमानत याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट परिसर में इसकी चर्चा होती रही कि विशेष अदालत से राहत न मिलने पर अब बिश्वनोई के अधिवक्ता हाईकोर्ट से जमानत लेने की तैयारी में जुट गए है।