जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बने देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ ली।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में देश के 50वें सीजेआई के रूप में उन्हें शपथ दिलवाई। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए सीजेआई के पद पर रहेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी देश के सीजेआई रहे हैं। उनके पिता का बतौर सीजेआई 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक करीब सात साल और चार महीने का कार्यकाल रहा था। जो कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में किसी सीजेआई का अब तक सबसे लंबा कार्यकाल है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने जस्टिस उदय उमेश ललित की जगह ली है। जिन्होंने 11 अक्टूबर को जस्टिस चंद्रचूड़ को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 17 अक्टूबर को अगला सीजेआई नियुक्त किया था। जस्टिस चंद्रचूड़ 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए थे। उन्हें 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। वह 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे। उसके बाद उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और वह उसी वर्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए।