पुलिस स्मृति दिवस में राज्यपाल और गृहमंत्री ने किया शहीदों को नमन
हर साल 21 अक्टूबर को पूरे देश में सभी पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
रायपुर : हर साल 21 अक्टूबर को पूरे देश में सभी पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में भी पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया। माना स्थित चौथी बटालियन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में राज्यपाल अनुसुईया उइके और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू शामिल हुए। शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल उइके और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने राष्ट्रगान की धुन पर परेड की सलामी भी ली।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्मृति दिवस अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद पुलिस जवानों के अदम्य साहस और पराक्रम का स्मरण कराता है। राज्यपाल उइके ने भगवत गीता में उल्लेखित पुलिस के ध्येय वाक्य परित्राणाय साधुनाम के अर्थ को पुलिस द्वारा सार्थक बनाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि समय के साथ देश ने अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पुलिस के जवानों को बेहतर प्रशिक्षण और जरूरी सुविधाएं मिलने से उनका मनोबल बढ़ा है। देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने निरंतर शांति व सौहार्द्र स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। हमें ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए कि पुलिस के जवान केवल आंतरिक क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे, यदि सीमा पर हमें जवानों की आवश्यकता होगी तो वे देश रक्षा के अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होंगे।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए जांबाज अधिकारियों और जवानों की शहादत को स्मरण और नमन किया। उन्होंने कहा कि वीर जवानों ने नक्सली व अन्य घटनाओं में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है और प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहकर निरंतर अपने दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं।