December 23, 2024

आरक्षण पर विधानसभा का सत्र बुला सकती है सरकार, मंत्री कवासी लखमा ने कहा, 17 को कैबिनेट में होगी चर्चा

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छत्तीसगढ़ में सरकार आरक्षण मामले पर विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। इसकी जानकारी खुद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दी है।

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार आरक्षण मामले पर विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। इसकी जानकारी खुद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दी है। बताया गया कि 17 अक्टूबर को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। अगर सहमति बन गई तो सरकार इसी महीने एक दिन का विशेष सत्र बुलाएगी। इस सत्र के साथ ही आरक्षण मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई की जमीन तैयार हो जाएगी।

आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सोमवार को प्रेस से चर्चा में कहा, हमारी सरकार इस मामलें को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रही हैं। इस मामले को 17 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में भी रखेंगे। कवासी लखमा ने कहा, आरक्षण मामले को भाजपा ने अच्छी तरीके से कोर्ट में नहीं रखा। इसकी वजह से आदिवासी समाज को नुकसान हुआ है। हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को अच्छे वकीलों के माध्यम से रखेगी। अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वकील अब इस मामले पर सरकार का पक्ष रखेंगे। आबकारी मंत्री ने कहा, हम भी चाहते हैं कि आदिवासी समाज को 32% आरक्षण मिले, ताकि बस्तर और सरगुजा का आदिवासी समाज विकास के पथ पर आगे बढ़े।

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आबादी के अनुपात में आरक्षण देने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कहा है, कांग्रेस आबादी के अनुपात में आरक्षण की पक्षधर है। हम चाहते हैं कि संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज को जो अधिकार मिला हुआ है वह बना रहे। यही नहीं पिछड़ा वर्गों के लिए मंडल आयोग ने जो सिफारिशें की हैं वह भी मिले और संसद ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण की जो व्यवस्था की है वह भी लागू रहे। बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद इसे किस तरह किया जाए उसपर मंथन जारी है।

आरक्षण पर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद आदिवासी समाज में भारी बेचैनी है। इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज का सोहन पोटाई धड़ा सड़कों पर है। बस्तर और दुर्ग संभाग के कई आदिवासी बहुल जिलों में चक्का जाम शुरू हो चुका है। दूसरे जिलों में समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। सर्व आदिवासी समाज के भारत सिंह धड़े ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अध्यादेश लाकर 32% आरक्षण देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि सरकार आरक्षण बचाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

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