Chhattisgarh बजट के प्रमुख आकर्षण,ना में इस साल जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि,मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 13.40 प्रतिशत की वृद्धि
कोरोना महामारी के बीच कुशल वित्तीय प्रबंधन के चलते वर्षों बाद छत्तीसगढ़ में राजस्व आधिक्य का बजट प्रस्तुत हुआ है ।
कोरोना महामारी के बीच कुशल वित्तीय प्रबंधन के चलते वर्षों बाद छत्तीसगढ़ में राजस्व आधिक्य का बजट प्रस्तुत हुआ है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान, वनवासी और मजदूरों के लिये शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग के लोगों की जेब में सीधा पैसा पहुंचा जिससे विश्वव्यापी मंदी के बावजूद राज्य में सभी सेक्टरों में जबरदस्त उछाल रहा । आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2020-21 की तुलना में इस साल जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।प्रति व्यक्ति आय में 11.93 प्रतिशत की बढोतरी हुई है ।राज्य में कृषि के क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत , औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है ।कृषि और सेवा क्षेत्र में हम छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर के बराबर और औद्योगिक क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर से 3.64 प्रतिशत अधिक हैं ।राज्य का सकल घरेलू उत्पाद पिछले वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में 13.60 प्रतिशत अधिक है ।राज्य के स्वयं के राजस्व स्त्रोतों में वृद्धि हेतु लगातार किये गये प्रयासों से राज्य के स्वयं के राजस्व प्राप्तियों में 27 प्रतिशत जबकि केंद्र से मिलने वाले राजस्व में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।इस साल के बजट में सोशल सेक्टर के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी बजट की बढ़ोत्तरी की गई है ।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति में दिये गये छूट से छोटी औद्योगिक इकाईयों को बढ़ावा मिला है जिससे राज्य में स्टील मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की तुलना में 13.40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।करीब तीन लाख सरकारी अधिकारी – कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना वापस लागू करने से कर्मचारी एवं उनके परिवारों को न केवल सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि लोक सेवाओं के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ेगा ।राज्य के युवाओं को व्यापमं एवं पीएससी की परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क से छूट दी गई है ।सांसद श्री राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की सहायता राशि 6 हजार रूपये से बढ़ाकर 7 हजार रूपये की गई ।
गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा । इन्हें विकसित करने के लिये 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है ।
विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ की गई है ।
इस साल के बजट में राजकोषीय घाटा 3.30 प्रतिशत जो वर्ष 2019-20 से 1.91 प्रतिशत कम है, इसकी मुख्य वजह कि छत्तीसगढ़ सरकार ने लगातार ऋण लेना कम किया है, जनता से किये सारे वादे पूरे कर रहे हैं, किसानों, वनवासियों, भूमिहीन मजदूरों की जेब में सीधे पैसा पहुंचाया , भविष्य की सुदृढ़ नींव सुनिश्चित की गई है ।
इस साल के बजट में सभी वर्गों का विशेष ख्याल रखा है, गरीब परिवारों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना में पिछले साल 762 करोड़ और इस साल 800 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है ।
इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 900 किलोमीटर सड़कों ,24 बड़े पुलों के निर्माण के साथ ही राज्य के नक्सल प्रभावित बीजापुर, सुकमा एवं दंतेवाड़ा जिले में 47 स्टील ब्रिज के निर्माण के लिये 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिंचाई परियोजनाओं को वास्तिविक लाभ किसानों तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए लघु एवं मध्यम सिंचाई की योजनाओं पर हमने विशेष ध्यान दिया है । जिसके फलस्वरुप 3 साल में ही वास्तविक सिंचाई क्षमता 2 लाख 68 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है । 3 हजार करोड़ से अधिक का बजट प्रावधान किया गया है ।
राज्य के राजस्व में वाणिज्यिकर, खनिज, पंजीयन और विद्युत शुल्क के संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।19.युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन शुरू किया गया है। इसके तहत आने वाले पांच वर्षों में रोजगार के 12 से 15 लाख अवसरों के निर्माण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मिशन की शुरूआत के लिए बजट में 2 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।20.राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ, उद्यानिकी, वृक्षारोपण तथा कोदो-कुटकी, रागी फसल लेने वाले किसानों को इनपुट सब्सिडी दी जा रही हैं। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना के तहत 6000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।21.राज्य के 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ रूपए का बजट में प्रावधान किया गया है।ग्रामीण विकास के लिए पंचायतों को 1600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।