बंगाल के बाद राजस्थान और अब झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू, छत्तीसगढ़ में भी लागू करें
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा
रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा किए जाने के बाद अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। संघ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मांग की है कि छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना पूर्ववत 1 अप्रैल 2004 से लागू की जावे। संघ ने दावा किया है कि इसके लागू होने से सरकार पर तत्कालिक कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने दावा किया है कि आजादी के पूर्व देश में कांग्रेस की हुकूमत के दौरान पेंशन योजना वृद्धावस्था के सहारे के रूप में प्रदान की गई थी, जिसे कांग्रेस सरकार रहते तक यथावत लागू रखा गया था। केंद्र में 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा 2004 के बाद पेंशन बंद कर अंशदाई पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया गया था।
यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मूल रूप से प्रभावी था, किंतु राज्य सरकारों ने भी चूंकि केंद्रीय वेतनमान राज्य के कर्मचारी प्राप्त कर रहे हैं इसलिए राज्यों में भी इसे लागू किया गया। कोई भी राज्य सरकार अपने शासकीय सेवकों को अपने अनुसार वेतन भत्ते देने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए देश के गैर भाजपाई सरकारों को तत्काल 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहां
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहां की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस पर निर्णय लिया जावेगा। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि 2004 के बाद पुरानी पेंशन योजना लागू करने से सरकार के राजकीय कोष में कोई आर्थिक बोझ वर्तमान में इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवक 20-25 वर्ष बाद सेवानिवृत्त होंगे तब उन्हें पेंशन योजना का लाभ मिलेगा।
करोना काल में या अन्य परिस्थितियों में मात्र एक या 2% शासकीय सेवक जो 2004 के बाद शासकीय सेवा में प्रवेश किए हैं वह या तो दिवंगत हुए हैं अथवा शासकीय सेवा से त्यागपत्र दिए हैं। इनकी संख्या नगण्य है, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू करने से आर्थिक बोझ न होकर इसके दूरगामी परिणाम प्राप्त होंगे।
केंद्र सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने वाले छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पुरानी पेंशन योजना जिसे अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने बंद की है, उसे पुन चालू कर ऐतिहासिक एवं कर्मचारी हितैषी निर्णय लेने की मांग संघ के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी महामंत्री उमेश मुदलियार संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा प्रांतीय सचिव विमल चंद कुंडू सुरेंद्र त्रिपाठी अलोक जाधव, रामचंद्र टांडी, जी एस यादव, एमपी आडे, शेख कलीम उल्लाह खान, आनंद सिंह, गजेंद्र श्रीवास्तव, विजय लहरे, नीरज प्रताप सिंह, संतोष त्रिपाठी, राजू मुदलियार, नरेश वडेर कुंदन साहू सीएल दुबे, प्रदीप उपाध्याय, भजन बाग, डॉ अरुंधति परिहार, संजय झड़बड़े, टार्जन गुप्ता, प्रवीण डिडवंशी संत लाल साहू, रत्नाकर साहू आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री से मांग की है।