छात्र संगठन जोगी ने आयुक्त को सौंपा आमंत्रण पत्र, डीएमई से नर्सिंग निरीक्षकों पर कार्यवाही की मांग
संवाददाता – इमाम हसन
विश्रामपुर – छत्तीसगढ़ छात्र संगठन जोगी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप साहू ने स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में मेडिकल शिक्षा के बदतर हालातों को डीएमई के समक्ष संपूर्ण दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करते हुए छात्र संगठन ने बताया कि पुष्पेंन्द्र कालेज आफ नर्सिंग अम्बिकापुर एवं इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग रिसर्च सेंटर सूरजपुर के संयुक्त प्राचार्य श्री दिवाकर शुक्ला द्वारा दोनों निजी महाविद्यालयों में नियमित अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है। (2019-20) के वार्षिक प्रतिवेदन में निरीक्षकों ने आंख मूंदकर छात्र हितों के साथ खिलवाड़ किया है।
दोनों महाविद्यालयों में दिवाकर शुक्ला और पवन त्यागी के द्वारा नियमित अध्यापन कार्य करवाना दिखाया गया है दोनों महाविद्यालयों की दूरी 46 किमी है और शिक्षकों की उपस्थिति तो छात्र, सीसीटीवी फुटेज और निरीक्षणकर्ताओं ही दिखा सकते हैं।
वहीं निरीक्षणकर्ताओं ने कूटरचना करते हुए – फर्जी शिक्षकों के हस्ताक्षर करवाए हैं जिनमें कुछ शिक्षक शासकीय सेवाओं के साथ ही निजी महाविद्यालय के प्राध्यापक हैं। शिक्षक दीपेंद्र त्यागी का व्यवहार छात्राओं के प्रति अनुचित है, निरीक्षण दिनांक से लापता हैं। दोनों महाविद्यालयों को मान्यता दिलाने हेतु डीएमई एवं PDDUMHS&AYUSH UNIVERSITY रायपुर के कुछ विशेष अधिकारीयों के संरक्षण में भ्रष्टाचार करते हुए नर्सिंग छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
कुंदन विश्वकर्मा ने संचालनालय चिकित्सा शिक्षा रायपुर आयुक्त से निरीक्षणकर्ताओं को निलंबित करते हुए पुनः जांच और कार्यवाही सहित स्वास्थ्य शिक्षा में सुधार लाने तक कालेज सील करने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में हो रही अनियमितता मेडिकल छात्रों के लिए दुखद है जिसे सप्रमाण उजागर किया गया है
वही सरगुजा संभाग के शासकीय महाविद्यालय विश्रामपुर हेतु आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय को आमंत्रण पत्र सौंपा। जनता कांग्रेस के हस्तक्षेप से ही महाविद्यालय के प्राचार्य और वाणिज्य प्राध्यापक की अनियमितताओं पर अग्रणी महाविद्यालय सूरजपुर प्राचार्य और वाड्रफनगर के प्राचार्य द्वारा 10 महीनों से अनवरत जांच-पड़ताल की जा रही है। परंतु अब तक लालफीताशाही की वजह से कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सका है।
प्रदीप साहू ने आयुक्त के समक्ष अर्थशास्त्र विषय में नियम विरुद्ध अतिथि व्याख्याता नियुक्ति और डीडीओ के दुरुपयोग को सामने रखा। नियमानुसार सामान्य वर्ग के प्रतिभागी को न्यूनतम 55% होने चाहिए थे परंतु प्राचार्य ने अपात्र प्रतिभागी 46% को सेवा में रखकर धांधली की है। यह कार्य पूरी तरह से छात्र हितों के विरूद्ध है।
महाविद्यालय में सत्र 2016-17 में पुस्तक खरीदी, फर्नीचर खरीदी समेत खेलकूद और प्रयोगशाला के खरीददारीयों में पसंदीदा फर्मो से महंगे दामों पर सामान लिया गया है। मूल्य सूची को दरकिनार करते हुए प्राचार्य ने %छूट दिखाकर फर्मों से खरीदी की थी। अत: छात्र हितों में शीघ्र ही आडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।
महाविद्यालय के वाणिज्य विषय के सहायक प्राध्यापक सरगुजा जिले से सूरजपुर जिले में कार्यभार दिनांक से ही अपडाऊन कर रहे हैं और एचआरए पर्ची को व्यक्तिगत दस्तावेज करार देते हैं। सात घंटे की अनिवार्य अवधी तो दूर मुख्यालय में नहीं रहना, निरंतर अवकाश, सहित एमबीए और पीएचडी समेत अन्य डिग्री की जानकारी भी छात्र हितों के लिए सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं। सूरजपुर जिलाध्यक्ष ने बताया कि HRA पर्ची को सार्वजनिक करते हुए इनके कार्यभार दिनांक से किए जाने वाले अपडाऊन पर जांच और कार्यवाही की जानी चाहिए।
श्री प्रदीप साहू ने आयुक्त को सूरजपुर छात्र संगठन की ओर से आमंत्रित किया है। ताकि छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा की बदहाली का कड़वा सच पूरे प्रदेश के सामने उजागर हो सके। इस मौके पर सूरजपुर जिलाध्यक्ष श्री कुंदन विश्वकर्मा भी आग्रह पूर्वक शीघ्र पधारने का निवेदन प्रस्तुत किए।