December 23, 2024

नारायणा अस्पताल की कुशल टीम ने बचाई बच्चे की जान, जटिल हृदय रोग से था पीड़ित, स्वस्थ होकर लौटा घर

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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना ओडिशा के तहत जन्मजात हृदय रोग की रोकथाम और उपचार कार्यक्रम के लिए बाह्य ह्रदय जाँच शिविर बलांगीर ओडिशा के एक 13 वर्षीय लड़के की स्क्रीनिंग की गई।

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रायपुर।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना ओडिशा के तहत जन्मजात हृदय रोग की रोकथाम और उपचार कार्यक्रम के लिए बाह्य ह्रदय जाँच शिविर बलांगीर ओडिशा के एक 13 वर्षीय लड़के की स्क्रीनिंग की गई।

बलांगीर में इको कार्डियोग्राफी स्क्रीनिंग के उपरांत मरीज में टेट्रालॉजी ऑफ फेलोट (दिल के दो निचले हिस्से के बीच बड़ा छेद और फेफड़ो की नस का गंभीर रूप से सिकुड़ना) पाया गया। एनएच एमएमआई, रायपुर में दोबारा स्क्रीनिंग करने पर, यह पाया गया कि बच्चा तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी के लिए योग्य नहीं है। बच्चा काफी बीमार था, ऑक्सीजन लेवल केवल 60% था और वह अच्छी तरह से विकसित (वजन – 20 किलो था जबकि 13 साल की उम्र में लगभग 45 किलो होना चाहिए ) भी नहीं हो पा रहा था। इसलिए फेफड़ों में रक्त की आपूर्ति बढ़ाकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने की जरूरत थी।

इस उम्र में बीटी शंट जैसी सर्जरी हाई रिस्क वाली होती है और बाद में करेक्टिव सर्जरी के जोखिम को बढ़ा देती है । इसलिए आरवीओटी के स्टेंटिंग (एक स्टेंट के साथ दिल और फेफड़ों के बीच एक कनेक्शन बनाने की योजना बनाई गई। हालांकि, इस तरह की प्रक्रिया एक बहुत ही दुर्लभ प्रक्रिया थी जिसमें सावधानीपूर्वक योजना और विशेषज्ञ के कौशल और टीम वर्क की आवश्यकता होती है।

इस प्रक्रिया के लिए कोई स्टेंट भी मार्केट में उपलब्ध नहीं है। इसलिए शरीर के अन्य स्थानों (पेरिफेरल स्टेंट) का इस्तेमाल किया गया था। ये जटिल सर्जरी 25 नवंबर को नारायणा अस्पताल में की गई । प्रोसिजर डॉ सुमंत शेखर पाढ़ी (वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट) और डॉ किंजल बख्शी (वरिष्ठ बाल हृदय रोग विशेषज्ञ) ने किया था। डॉ राकेश चंद/डॉ नीलिमा दास के एनेस्थीसिया की क्रिया के तहत यह सर्जरी की गई । प्रोसीजर के तुरंत बाद ऑक्सीजन लेवल 60% से बढ़कर लगभग 90% हो गया। प्रोसीजर के 48 घंटे बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।


यह राज्य में की गई इस तरह की दूसरी प्रक्रिया थी। नारायणा अस्पताल में लगभग 9 साल पहले भी इसी कुशल टीम ने इस तरह का कारनामा कियाथा। यह ओडिशा के किसी बच्चे में किया गया ऐसा पहला मामला है |

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