महात्मा गांधी के विचार आज और अधिक प्रासंगिक, ग्रामीण विकास अवधारणा पर वेबिनार आयोजित – डॉ पाटिल
रायपुर – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटील ने कहा है कि देश को आत्मनिर्भर एवं स्वच्छ बनाने का गांधीजी का सपना करोना महामारी के परिपेक्ष्य में प्रासंगिक है, उन्होंने वर्तमान परिस्थिति में कृषि एवं ग्रामोद्योग के क्षेत्र में गांव को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष जोर दिया, जिससे गांवों की आवश्यकता की पूर्ति गांव से ही हो सके एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति खेती से अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर की जा सके। डाॅ. पाटील इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बिलासपुर द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर ‘‘महात्मा गांधी की ग्रामीण विकास अवधारणा’’ विषय पर आयोजित वेबीनार को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य श्री आनन्द मिश्रा एवं डाॅ. आर.के.एस. तिवारी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर द्वारा महात्मा गांधी एवं श्री लालबहादुर शास्त्री की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कल 2 अक्टूबर को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त शासकीय एवं निजी कृषि महाविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों में कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किये गये और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री को याद किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डाॅ. एस.केे. पाटील ने गांधीजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुये बताया कि गांधीजी भविष्यदृष्टा एवं दूरदर्शी थे उन्होंनेे देश हित के लिये 17 से अधिक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाये, जो आज भी उतने ही प्रासंगिक है। आज देश में विकास के जो अधिकांश कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं वो गांधीजी के सिद्धांतों पर आधारित है। श्री आनन्द मिश्रा ने अपने उद्बोधन में गांधीजी के विचारों कोे परमाणु शक्ति से ज्यादा ताकतवर बताया क्योंकि गांधी जी के विचार आम जनता को शक्ति प्रदान करते हैं। गांधीजी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था विचारधारा के कारण ही पूंजी का विकेन्द्रीकरण एवं आम जनता की भागीदारी होने से ही भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक शिक्षण डाॅ. एम.पी.ठाकुर, ने कहा कि जो ग्रामीण विकास का सपना 150 वर्ष पूर्व गांधीजी ने देखा था वह आज साकार होता दिख रहा है एवं कृषि के सभी आयामों को अपनाकर कृषक आत्मनिर्भर बन रहे हैं। अधिष्ठाता, छात्र कल्याण डाॅ. जी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि गांधीजी के विचारों को अपनाकर हम अपना, समाज एवं देेश का विकास कर सकते हैं। इन्होंने छात्रों से अपने जीवन में गांधीजी के विचारों को अपनाने की सलाह भी दी। डाॅ. आर.के.एस. तिवारी द्वारा स्वागत उद्बोधन में सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुये कृषि महाविद्यालय बिलासपुर द्वारा ग्रामीण कृषि विकास के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी दी। वेबीनार के माध्यम से जुड़ी महिला कृषि उद्यमी श्रीमती श्रद्धा सिंह ने छात्रों को कृषि से जुड़ने का आव्हान किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री गंगाप्रसाद बाजपेयी ने गांधीजी की बिलासपुर यात्रा से जुड़ी हुई यादों को ताजा किया। इस वेबीनार से जुड़े कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने भी गांधीजी एवं शास्त्रीजी को नमन करते हुये अपने-अपने विचार प्रकट किये। वेबीनार में लगभग 100 लोगों ने आनलाइन सहभगिता की।