December 23, 2024

( एक्सक्लूसिव ) बदलता बस्तर बोलती तस्वीर, लोन वर्राटू घर वापसी अभियान योजना का लाभ ले रहे दक्षिण बस्तर के नक्सली

0
IMG-20201001-WA0002_copy_1024x629

बस्तर हेड- विजय पचौरी 

 छत्तीसगढ़ – दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा का वह इलाका जहां नक्सलियों की सरकार और हुकूमत चला करती थी नक्सली बस्तर के भोले-भाले ग्रामीणों को सरकार और पुलिस के खिलाफ बरगला कर अपने संगठन में जोड़ लिया करते थे। नक्सलियों ने बस्तर के ग्रामीणों को बचपन से ही अपने साथ जोड़ा और इन इलाकों में नक्सलियों की तूतिया बोलने लगी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा क्षेत्र में कई बड़ी बड़ी घटना को अंजाम भी दिया उनकी ताकत लगातार बढ़ती ही जा रही थी नक्सली इलाकों में विकास और इन ग्रामीणों को शिक्षा से दूर रखा करते थे और अपने संगठन को मजबूत करने इन ग्रामीणों को अपने साथ में जोड़ कर अपनी ताकत बढ़ा ली अब इन इलाकों में नक्सलियों की सरकार और हुकूमत चलाना शुरु किया और जमकर इन इलाकों में उत्पात भी मचाया धीरे धीरे हरी वर्दी यानी कि नक्सलियों के इलाकों में बस्तर पुलिस भी पहुंचने लगी कई नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई मुठभेड़ में कई नक्सलियों को मार गिराया अब इन ग्रामीणों को समझ में आ गया था कि नक्सलियों का साथ देना मौत के मुंह में जाने जैसा है सरकार की समर्पण नीति चल रही थी जिसका लाभ लगातार नक्सली ले रहे थे दक्षिण बस्तर पुलिस ने घर वापसी अभियान योजना चलाई गांव-गांव और नक्सल क्षेत्रों में जाकर नक्सलियों के नाम और पोस्टर चस्पा कर घर वापसी की अपील की जिसका परिणाम अब दक्षिण बस्तर पुलिस को लगातार मिलता जा रहा है घर वापसी अभियान यानी कि जो लोग भटक कर नक्सली संगठन में चले गए हैं वह अब घर वापसी कर मुख्यधारा में जोड़कर सरकार की और पुलिस की योजनाओं का लाभ ले सकते हैं जिससे प्रभावित होकर इन इलाकों से इनामी नक्सली सहित 110 नक्सलियों ने लाल आतंक का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में प्रवेश किया है समर्पण करने के बाद इन नक्सलियों की जिंदगी जंगल की जिंदगी से बेहतर हो गई हैसमर्पित नक्सली प्रकाश ने बताया कि वह 2011 से नक्सली संगठन में चले गए थे और नक्सलियों ने अपने संगठन में रखकर हमें उपयोग किया और बड़ी बड़ी घटना में शामिल किया प्रकाश समझ गए थे आंध्र उड़ीसा तेलंगाना के नक्सलियों की खोखली विचारधारा अब प्रकाश को पता चला कि दक्षिण बस्तर पुलिस घर वापसी अभियान चला रही है जिसका फायदा लेने उन्होंने समर्पण किया समर्पण करने के बाद प्रकाश में पुलिस में ना जाने का फैसला लिया और उन्होंने खेती के लिए एक ट्रैक्टर की मांग की जिस पर सरकार और दक्षिण बस्तर पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को एक नया ट्रैक्टर दिया अब प्रकाश खेत खलियान में काम कर रहे हैं प्रकाश का कहना है कि जिस प्रकार से जंगल में वह गोलियां चलाया करते थे अब वह ट्रैक्टर जोत कर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं समर्पण करने के बाद वाह बहुत खुश हैं और उनकी जिंदगी बेहतरीन चल रही है
कोसा कवासी ने बताया कि 2015 में नक्सली उसे बचपन में ही घर से उठाकर ले गए थे और बाल संगम में काम दिया बाल संगम में रहते  उन्होंने बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया 5 साल नक्सलियों के साथ रहकर नक्सलियों की विचारधारा समझ चुके थे नक्सली गांव में विकास नहीं होने देते थे जब कोसा कवासी ने देखा कि हमारे ही ग्रामीण भाई इन सब सुविधाओं से वंचित हैं तब उन्होंने समर्पण करने का सोचा अब घर वापसी अभियान के तहत समर्पण किया समर्पण करने के बाद आज वहां गोपनीय सैनिक के रूप में पुलिस के लिए काम कर रहे हैं और पुलिस को सफलताएं भी मिल रही हैंबाकी नक्सलियों ने बताया कि जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ने वाले नक्सली उनके हितेषी नहीं हैं जंगल की जिंदगी बहुत कठिनाई से गुजारनी पड़ती है कभी खाना मिलता है कभी नहीं कब किसकी गोली आकर लग जाए इससे उन्हें डर भी लगता था जब इन नक्सलियों को पता चला कि दक्षिण बस्तर पुलिस घर वापसी अभियान योजना चला रही है तब इन नक्सलियों ने भी समर्पण किया और आज बेहतर काम करके अपने परिवार के साथ वह खुश नजर आ रहे हैं
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की समर्पण नीति पहले से ही चल रही है मगर 3 माह पहले हमने घर वापसी अभियान की शुरुआत की और इसका फायदा अब दक्षिण बस्तर पुलिस को मिल रहा है 3 महीने के अंदर 110 नक्सलियों ने समर्पण किया है समर्पण करने के बाद सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं उनका लाभ भी इन्हें मिल रहा है जो नक्सली समर्पण करने के बाद पुलिस की नौकरी करना चाहता है उसे पुलिस की नौकरी भी मिल रही है जो खेती के लिए ट्रैक्टर अन्य सामग्री मछली पालन रेजा मिस्त्री का काम भी दिया जा रहा है समर्पण करने के बाद इन्हें नौकरी और काम मिलने के बाद इनकी बेहतरीन जिंदगी चल रही है आने वाले समय में इनके साथ ही भी इन्हें देख कर सरकार की घर वापसी अभियान की नीति का लाभ लेने आ सकते हैं जिस प्रकार से नक्सली लाला आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं अब इन इलाकों से नक्सलियों का जनाधार लगातार कम होता दिखाई दे रहा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed