जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद फिर मिली राहत
निलंबित ADG जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।
नई दिल्ली। निलंबित ADG जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने सुनवाई के दौरान कहा कि ‘आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते। आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया, क्योंकि आप सरकार के करीब हैं। यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा। जब आप सरकार के साथ अच्छे हैं तो आप वसूली कर सकते हैं, लेकिन अब आपको ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।’ हालांकि टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दर्ज तीसरी एफआईआर पर भी जीपी सिंह को गिरफ्तारी पर अंतरिम संरक्षण दे दिया।
क्यों दें ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा ?
कोर्ट ने कहा- ‘यह बहुत ज्यादा हो रहा है। हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें? यह देश में एक नया ट्रेंड है। उन्हें जेल जाना होगा।’ इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दर्ज तीसरी FIR पर भी जीपी सिंह को गिरफ्तारी पर अंतरिम संरक्षण दे दिया और छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर 1 अक्तूबर को सारे मामले की सुनवाई की तारीख तय की है।
जीपी सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस प्रकार के अधिकारियों को सुरक्षा की आवश्यकता है। पिछली सुनवाई में पुलिस अफसरों के सत्ताधारी दलों के साथ गठजोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी। CJI ने कहा था कि देश में ये परेशान करने वाला ट्रेंड है। कोर्ट ने कहा था- ‘पुलिस अफसर सत्ता में मौजूद राजनीतिक पार्टी का फेवर लेते हैं और उनके विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं। बाद में विरोधी सत्ता में आते हैं तो पुलिस अफसरों पर कार्यवाही करते हैं। इस हालात के लिए पुलिस विभाग को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए। उनको कानून के शासन पर टिके रहना चाहिए. इसे रोकने की जरूरत है।’
सरकार पर परेशान करने का आरोप
सुनवाई के दौरान इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही अफसर को जांच में सहयोग करने को कहा गया है। इस मामले में अफसर ने दो याचिकाएं दाखिल ही हैं। इनमें राजद्रोह के मामले को रद्द करने की मांग है और दूसरी में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग है. इस दौरान अफसर की ओर से एडवोकेट फली नरीमन ने अदालत को बताया कि अफसर को सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है।