राजनीति : खेल रत्न पर घमासान जारी, CM बघेल ने कहा- पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम हटाना क्षुद्र मानसिकता
रायपुर : प्रधानमंत्री के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने पर सियासत उफान पर है।
रायपुर। प्रधानमंत्री के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने पर सियासत उफान पर है। खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने पर विवाद अब भी जारी है। इस मुद्दे पर आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी का नाम हटाना क्षुद्र मानसिकता है। साथ ही उन्होंने कहा केंद्र सरकार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर कुछ बड़ी घोषणा करनी चाहिए थी।
हरेली त्योहार के अवसर पर सीएम हाउस में प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाम परिवर्तन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, मेजर ध्यानचंद नेशनल आइकॉन हैं। बहुत बड़े खिलाड़ी थे। उनके खेल ने खिलाड़ियों को हमेशा प्रेरित किया है। केंद्र सरकार को उनके नाम पर कोई बड़ी घोषणा करनी थी। पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम हटाना क्षुद्र मानसिकता है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले ही इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। सिंहदेव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, हिंदू को मुसलमान से लड़ा रहे हैं, गरीब को अमीर से लड़ा रहे हैं। दलित को सवर्णों से लड़ा रहे हैं, नेहरु को पटेल से लड़ा रहे हैं और अब राजीव जी को ध्यानचंद से लड़ा रहे हैं।
कांग्रेस ने भी जताया है विरोध
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, जिस व्यक्ति ने देश की एकता-अखंडता के लिये अपना जीवन बलिदान किया हो उन महान राजीव गांधी के नाम से दिये जाने वाले खेल रत्न का नाम बदलना प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की क्षुद्रता है। जिनके किसी भी नेता ने देश की आजादी से लेकर उसके नवनिर्माण तक में उंगली भी न कटाई हो ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे। शुक्ला ने कहा, भाजपा जान ले किसी की लाइन मिटाने से उनकी अथवा उनके दल की लाइन लम्बी नहीं होने वाली। कांग्रेस और गांधी परिवार ने देश सेवा की इतनी लम्बी लकीर अपने खून से देश के लोगों के दिलो-दिमाग मे खींची है जिसे भाजपा के लोग कितनी भी कोशिश कर लें मिटा नहीं सकते।
भाजपा बोली, योजनाओं से पं. दीनदयाल नाम हटाते हुए कांग्रेस ने क्यों नहीं सोचा
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा, प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर शुरू की गईं योजनाओं के नाम रातों-रात बदलने वालों ने तब क्यों नहीं सोचा। कांग्रेस को तब शर्म क्यों नहीं आई जब पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के दिन ही उनके नाम पर चल रही पांच योजनाओं का नाम बदल दिया गया था! संजय श्रीवास्तव ने कहा कि तब कांग्रेस के लोगों की समझ को काठ क्यों मार गया था और क्यों नहीं उन्हें यह सूझा कि प्रदेश सरकार अपने खानदान की चरण-वंदना में उनके नाम पर नई योजना शुरू कर ले।
6 अगस्त को नाम बदलने की घोषणा हुई थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, देश भर से ऐसी मांग आ रही थी कि खेल रत्न अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया जाए। देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अब से खेल रत्न अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड होगा।