सदन में उठा शराबबंदी का मामला, नेता प्रतिपक्ष बोले -ऐसी समिति का क्या औचित्य
रायपुर. मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में शराबबंदी का मामला उठा.
रायपुर. मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में शराबबंदी का मामला उठा. विधायक विद्यारतन भसीन की अनुपस्थिति में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा से पूछा कि शराबबंदी के लिए कौन कौन सी समिति बनाई है? 3 जुलाई 2021 तक इस समिति में कौन कौन है ? कब बैठक हुई? शराबबंदी के लिए क्या अनुशंसा की गई? जवाब में मंत्री ने बताया कि शराबबंदी के लिए तीन समितियां बनाई गई है.
राजनीतिक समिति, प्रशासनिक समिति और सामाजिक संगठनों की समिति गठित की गई है. पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने के संबंध में अनुशंसा के लिए ऐसे राज्य जहां पूर्व में शराबबंदी लागू की गई थी या वर्तमान में पूर्ण शराबबंदी लागू है. शराबबंदी के फलस्वरूप उन राज्यों में आए आर्थिक, सामाजिक एवं व्यावहारिक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए गठित समितियों द्वारा अन्य राज्यों की आबकारी नीति का समग्र रूप से अध्ययन के बाद ही उनकी रिपोर्ट राज्य शासन को प्रस्तुत की जाएगी.
समितियों की अनुशंसा अनुसार राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ढाई साल में सामाजिक समिति में शामिल लोगों का नाम ही नहीं आया है? इसमें कब तक नाम आ जाएंगे. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 21 समाज का नाम दिए.
ढाई साल में उन समिति का बैठक नहीं बुला पाए तो ऐसे समिति का कोई औचित्य नहीं है. राजनीति समिति की बैठक में क्या अनुशंसा आई है? कोरोना का हवाला देकर बैठक नहीं बुलाने की बात की गई. इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई. आबकारी मंत्री के रहते वन मंत्री अकबर द्वारा जवाब देने पर बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने आपत्ति जताई|
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